नौकरी के दौरान ले ली LLB की डिग्री, सरकारी कर्मचारी की फंसी गर्दन; मुख्यालय से जारी हुआ नोटिस

सुल्तानगंज प्रखंड के पंचायत रोजगार सेवक जयप्रकाश राम ने नौकरी करते हुए एलएलबी की डिग्री हासिल की है। उन्होंने बिहार राज्य बार काउंसिल से वकालत का लाइसेंस भी हासिल किया है। इस मामले में ग्रामीण विकास विभाग के बिहार ग्रामीण विकास सोसाइटी के मुख्य परिचालन पदाधिकारी संजय कुमार सिंह ने पंचायत रोजगार सेवक जयप्रकाश राम से स्पष्टीकरण मांगा है। पंचायत रोजगार सेवक से पूछा गया है कि आपके खिलाफ लिखित शिकायत मिली है, जिसमें कहा गया है कि आपने सुल्तानगंज प्रखंड में पंचायत रोजगार सेवक के पद पर काम करते हुए एलएलबी की डिग्री हासिल की है। वर्ष 2012 में आपने बिहार राज्य बार काउंसिल पटना में अधिवक्ता के रूप में अपना निबंधन संख्या 401/2012 पंजीकृत कराया था। वकालत की डिग्री हासिल करने के बाद नौकरी करते हुए अधिवक्ता के रूप में काम करना अवैध है। इधर, शिकायत मिलने के बाद उप विकास आयुक्त प्रदीप कुमार सिंह के आदेश पर डीआरडीए निदेशक दुर्गा शंकर ने जांच शुरू कर दी है। मामले की सुनवाई भी शुरू हो गई है। वहीं, पंचायत रोजगार सेवक जयप्रकाश राम का कहना है कि ब्लैकमेल करने के लिए इस तरह के आरोप लगाए गए हैं। ऐसा कोई मामला नहीं है।
इशाकचक के संतोष कुमार ने जिलाधिकारी, उप विकास आयुक्त, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री कार्यालय व राज्य के वरीय पदाधिकारियों को आवेदन देकर कहा है कि जयप्रकाश राम सुल्तानगंज में पंचायत रोजगार सेवक के पद पर पदस्थापित हैं। वे 2007 से पंचायत रोजगार सेवक हैं। वे नाथनगर, शाहकुंड व बिहपुर में पंचायत रोजगार सेवक के पद पर कार्यरत हैं। पंचायत रोजगार सेवक के पद पर कार्यरत रहते हुए उन्होंने एलएलबी की पढ़ाई की और 2012 में बिहार राज्य बार काउंसिल में निबंधन संख्या 401/2012 के तहत निबंधन कराया। यह नियम के विरुद्ध है। कोई व्यक्ति सरकारी नौकरी करते हुए एलएलबी की पढ़ाई और वकील का काम कैसे कर सकता है? उनकी ड्यूटी सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक है। ऐसे में वे क्लास कैसे कर सकते हैं। पंचायत रोजगार सेवक के पद पर कार्यरत रहते हुए उन्होंने अपनी आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है और तीन-चार जगहों पर जमीन खरीदी है। साक्ष्य के तौर पर तीन जगहों पर जमीन का ब्योरा जिला प्रशासन को उपलब्ध कराया गया है। यह भी आरोप लगाया गया है कि उनके पास कार और बड़ी गाड़ियां हैं। जयप्रकाश राम ने अगस्त 2007 में जिला ग्रामीण विकास अभिकरण में पंचायत रोजगार सेवक के पद पर ज्वाइन किया था। सितंबर 2007 में उनकी पोस्टिंग नाथनगर ब्लॉक में हुई थी। तब से अब तक उन्हें 14 लाख 96 हजार आठ सौ रुपये मानदेय या वेतन मिला है, जबकि उन्होंने इससे सौ गुना ज्यादा संपत्ति अर्जित की है।