'शराबबंदी बिहार से 1 घंटे में हटाकर फेंक देंगे'-पार्टी की घोषणा के बाद फुलफॉर्म में प्रशांत किशोर
जन सुराज सरकार बनने के बाद, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली पहली महागठबंधन सरकार के कार्यकाल में 1 अप्रैल 2016 से लागू शराबबंदी को हटाने की प्रशांत किशोर की खुली घोषणा के बाद, शराबबंदी की छाया अन्य राजनीतिक दलों पर भी पड़ रही है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के घोषित मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार और महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव पहले ताड़ी शुरू करने की बात करते थे, लेकिन अब बहुमत की राय के चलते वे शराबबंदी पर भी अपना मन बदलने को तैयार हैं। चार महीने बाद होने वाले अगले चुनाव से पहले राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी के रुख में यह बदलाव महत्वपूर्ण है।
पटना में लाइव सिटीज यूट्यूब चैनल के कार्यक्रम में शराबबंदी को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में तेजस्वी ने कहा- "मैं बुद्धिजीवियों से बात करूँगा। बुद्धिजीवियों को बुलाकर बात करूँगा। जहाँ बहुमत होगा, वहाँ मैं इसका समर्थन करूँगा। जब आवाज़ उठने लगे, तो इसकी समीक्षा करना ज़रूरी है।" तेजस्वी ने मार्च में घोषणा की थी कि अगर महागठबंधन की सरकार बनती है, तो शराबबंदी कानून में बदलाव करके ताड़ी, जो इस समुदाय की आय का स्रोत है, पर से प्रतिबंध हटा दिया जाएगा। बिहार सरकार के जाति आधारित सर्वेक्षण में पासी जाति की आबादी लगभग 1 प्रतिशत पाई गई।
तेजस्वी की सरकार बनने पर भी शराब पर प्रतिबंध रहेगा, समाज के लिए ताड़ी पर छूट रहेगी। बिहार की महिलाओं के बीच नीतीश की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) की गहरी पैठ के पीछे शराबबंदी एक वजह रही है। शराब से सरकारी राजस्व की अनदेखी करने वाले नीतीश ने 2016 में विधानसभा और विधान परिषद के सभी विधायकों और विधान पार्षदों के साथ-साथ पूरे राज्य के सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को शराब न पीने की शपथ दिलाई थी।
ताड़ी से हटेगा प्रतिबंध? JDU कार्यालय में दलित नेता की नीतीश से मांग, CM ने मांगी रिपोर्ट बिहार सरकार के मद्य निषेध विभाग के एडीजी अमित कुमार जैन ने कल (मंगलवार) एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया है कि 2016 में शराबबंदी लागू होने के बाद से अब तक शराबबंदी कानून के उल्लंघन के मामले में जब्त किए गए 96 हजार से ज्यादा वाहनों की नीलामी की जा चुकी है या उन्हें जुर्माना लेकर छोड़ा गया है। इससे सरकार को 428.50 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। 75989 वाहनों की नीलामी की गई जबकि 20071 वाहनों को जुर्माना लेकर छोड़ा गया। जैन ने बताया कि बिहार में राज्य के बाहर के कुल 13921 शराब कारोबारियों को गिरफ्तार किया गया है।
बिहार के शराबबंदी कानून ने अदालतों पर बढ़ाया बोझ, सुप्रीम कोर्ट ने फिर जताई नाराजगी एडीजी जैन ने बताया कि इस साल जून तक शराबबंदी कानून के तहत 63,442 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें 38741 लोग शराब पीने वाले और 24701 लोग विक्रेता या आपूर्तिकर्ता हैं। इस कानून के तहत 2016 से अब तक बिहार में कई लाख लोगों को गिरफ्तार किया गया है, कई लाख मुकदमे चले हैं। निचली अदालतों से लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक शराबबंदी के मामलों में गिरफ्तार लोग राहत और जमानत के लिए चक्कर काट रहे हैं।

