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लालू यादव का अपराध पर बोलना, शेर के शाकाहारी होने जैसी बात; प्रशांत किशोर ने ली चुटकी

लालू यादव का अपराध पर बोलना, शेर के शाकाहारी होने जैसी बात; प्रशांत किशोर ने ली चुटकी

बिहार में लगातार हो रही अपराध की घटनाओं को लेकर विपक्षी नेता लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार पर निशाना साध रहे हैं. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सवाल उठाए हैं. वहीं, अब जनसुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर ने बिहार में अपराध पर लालू यादव के बयान को लेकर उन पर निशाना साधा है. प्रशांत किशोर ने कहा है कि अपराध की बात करना जंगल में शेर के शाकाहारी होने की बात करने जैसा है.

क्या कहा प्रशांत किशोर ने?

लालू यादव पर निशाना साधते हुए प्रशांत किशोर ने कहा- "लालू यादव नहीं बल्कि उनके सहायक ट्वीट करते हैं. लालू जी ट्वीट नहीं करते. लालू यादव अपराध की बात कर रहे हैं. वे जंगल में शेर के शाकाहारी होने की बात कर रहे हैं. अगर लालू यादव कानून व्यवस्था की बात कर रहे हैं तो यह ऐसा होगा जैसे कोई बूढ़ा शेर आकर कहे कि अब मैं दूध पीऊंगा और शाकाहारी रहूंगा. तो क्या कोई उनकी बात सुनेगा?"

क्या कहा लालू यादव ने?

बिहार में अपराध के मुद्दे पर सरकार पर हमला बोलते हुए लालू यादव ने एक्स- पर कहा- "नीतीश जी बताएं कि शाम 5 बजे से पहले घर में घुसकर कितनी हत्याएं हो रही हैं? क्या नीतीश जानते हैं, पहचानते हैं और समझते हैं कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक उनके राज में 65,000 हत्याएं हुई हैं? 65,000 लोग मारे गए हैं, 65,000! नीतीश-भाजपा ने न केवल कानून-व्यवस्था को नष्ट किया है, बल्कि उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया है। बिहार में इतनी भ्रष्ट, लापरवाह और आलसी पुलिस पहले कभी नहीं रही।" जीतन राम मांझी को मंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए- प्रशांत किशोर जीतन राम मांझी ने बिहार में अपराध के मुद्दे पर अपनी सरकार पर सवाल उठाए हैं। इस पर प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर ऐसा है तो जीतन राम मांझी को मंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। हाल ही में जब बिहार में दलित परिवार की लड़की के साथ बर्बरतापूर्वक बलात्कार हुआ, तब जीतन राम मांझी कहां थे? वे केंद्र में मंत्री बनकर बैठे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश शारीरिक और मानसिक रूप से विकलांग हैं- प्रशांत


प्रशांत किशोर ने कहा कि हम 4 साल से कह रहे हैं कि इस सरकार की विश्वसनीयता खत्म हो चुकी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शारीरिक और मानसिक रूप से विकलांग हैं- स्वस्थ नहीं हैं. वे मुख्यमंत्री बनने के लायक नहीं हैं. पीके ने कहा कि अगर मैं कोई आरोप लगाता हूं तो मुझे धमकी दी जाती है कि मानहानि का केस कर दिया जाएगा. मैं कहता हूं मानहानि का केस कर दीजिए. मैं कहता हूं कि नीतीश कुमार मानसिक रूप से अस्थिर हैं, मानसिक रूप से विकलांग हैं. जिसे प्रधानमंत्री का नाम याद नहीं है. जिसे यह नहीं पता कि राष्ट्रगान बज रहा है या कव्वाली, उसे बिहार की 13 करोड़ जनता का मुखिया बना दिया गया है. बिहार में अगर गरीब परिवार का बच्चा सिपाही बनता है तो उसकी मेडिकल जांच होती है. भाजपा ने ऐसे लोगों को 13 करोड़ जनता का नेता बनाकर थोप दिया है जिनका दिमाग काम नहीं करता.

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