लालू परिवार का सामान 10 सर्कुलर रोड से दानापुर शिफ्ट, बिहार की राजनीति में फिर तेज हुई अटकलें
बिहार की राजनीति में एक बार फिर लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। राजधानी पटना स्थित 10 सर्कुलर रोड के सरकारी आवास से लालू परिवार का सामान अब दानापुर के गोला रोड स्थित गौशाला परिसर में शिफ्ट किया जा रहा है। इस घटनाक्रम ने सियासी गलियारों में कई तरह की अटकलों को जन्म दे दिया है।
बताया जा रहा है कि 10 सर्कुलर रोड स्थित सरकारी आवास में लंबे समय से लालू परिवार रह रहा था। अब वहां से फर्नीचर, घरेलू सामान और अन्य सामग्री को ट्रकों के जरिए दानापुर भेजा जा रहा है। जैसे ही यह जानकारी सामने आई, राजनीतिक हलकों में सवाल उठने लगे कि क्या लालू परिवार यह आवास पूरी तरह खाली करने जा रहा है या इसके पीछे कोई और राजनीतिक वजह है।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह सिर्फ एक सामान्य स्थानांतरण नहीं, बल्कि इसके सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं। कुछ लोग इसे आगामी राजनीतिक घटनाक्रमों से जोड़कर देख रहे हैं, तो कुछ का कहना है कि यह प्रशासनिक या कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा हो सकता है। हालांकि, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की ओर से अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को लेकर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं। उनका कहना है कि सरकारी आवास के उपयोग को लेकर पहले भी विवाद होते रहे हैं और अब सामान शिफ्ट होने से यह साफ संकेत मिल रहा है कि आवास को लेकर कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है। वहीं, आरजेडी समर्थकों का कहना है कि इसे बेवजह राजनीतिक रंग दिया जा रहा है और यह पूरी तरह पारिवारिक व व्यवस्थागत मामला है।
10 सर्कुलर रोड का पता बिहार की राजनीति में खास अहमियत रखता है। यह वही आवास है, जो लंबे समय तक बिहार की सत्ता और सियासत का केंद्र माना जाता रहा है। ऐसे में इस आवास से लालू परिवार का सामान हटना राजनीतिक दृष्टि से प्रतीकात्मक भी माना जा रहा है।
दानापुर स्थित गोला रोड की गौशाला पहले से ही लालू परिवार से जुड़ी हुई मानी जाती है। वहां सामान शिफ्ट किए जाने के बाद यह चर्चा और तेज हो गई है कि आने वाले समय में लालू परिवार की रहने और राजनीतिक गतिविधियों की केंद्रबिंदु में बदलाव देखने को मिल सकता है।
फिलहाल, प्रशासन की ओर से भी इस पर कोई स्पष्ट टिप्पणी नहीं की गई है। लेकिन बिहार की राजनीति को करीब से देखने वाले मानते हैं कि लालू परिवार से जुड़ा कोई भी कदम सिर्फ निजी नहीं, बल्कि राजनीतिक संकेत भी देता है।

