‘लेडी सिंघम’ स्वीटी सहरावत बनीं पूर्णिया की नई एसपी, कहा – अपराध और अपराधियों को नहीं किया जाएगा बर्दाश्
बिहार के पूर्णिया जिले को उसकी नई ‘लेडी सिंघम’ मिल गई है। 2019 बैच की तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी स्वीटी सहरावत ने बुधवार को पूर्णिया के नए एसपी के रूप में कार्यभार ग्रहण किया...........

बिहार के पूर्णिया जिले को उसकी नई ‘लेडी सिंघम’ मिल गई है। 2019 बैच की तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी स्वीटी सहरावत ने बुधवार को पूर्णिया के नए एसपी के रूप में कार्यभार ग्रहण किया। पूर्व एसपी कार्तिकेय शर्मा ने उन्हें पुलिस अधीक्षक कार्यालय में औपचारिक रूप से पदभार सौंपा। इस दौरान स्वीटी सहरावत को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया और स्वागत समारोह में पुलिस विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
पहली प्राथमिकता – अपराध नियंत्रण और महिला सुरक्षा
कार्यभार संभालते ही आईपीएस स्वीटी सहरावत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पूर्णिया जैसे ऐतिहासिक जिले की जिम्मेदारी मिलना उनके लिए गर्व की बात है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि जिले में अपराध और नशाखोरी के खिलाफ 'Zero Tolerance Policy' अपनाई जाएगी।
"स्मैक जैसे नशे के नेक्सस को जड़ से खत्म करना मेरी प्राथमिकता है। महिला सुरक्षा को लेकर भी सख्त कदम उठाए जाएंगे। कोई भी अपराधी बख्शा नहीं जाएगा।"
बिहार में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल
गौरतलब है कि 14 जून को बिहार सरकार ने 18 आईपीएस अधिकारियों का तबादला किया था। इसी क्रम में पूर्णिया के एसपी रहे कार्तिकेय शर्मा को पटना का नया एसएसपी बनाया गया, जबकि पटना सेंट्रल की सिटी एसपी स्वीटी सहरावत को पूर्णिया की कमान दी गई।
स्वीटी सहरावत ने कहा कि पूर्व एसपी ने जिले में बेहतरीन कार्य किए हैं और वह इन प्रयासों को और मजबूत करेंगी।
पिता का सपना था वर्दी में देखना, बेटी ने पूरा किया
स्वीटी सहरावत का जीवन संघर्षों और प्रेरणा की मिसाल है। उन्होंने दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बीटेक किया। एक समय वे एक मल्टीनेशनल कंपनी में डिज़ाइन इंजीनियर के तौर पर काम कर रही थीं, लेकिन 2013 में उनके पिता की एक सड़क हादसे में मृत्यु हो गई। वे दिल्ली पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल थे और चाहते थे कि उनकी बेटी एक दिन आईपीएस अफसर बने।
पिता का सपना अधूरा न रह जाए, इसी भावना से स्वीटी ने नौकरी छोड़ UPSC की तैयारी शुरू की और 2019 में 187वीं रैंक के साथ चयनित होकर बिहार कैडर की आईपीएस बनीं।
सख्त अधिकारी के रूप में बनी पहचान
स्वीटी सहरावत की पहली तैनाती औरंगाबाद में सिटी एसपी के रूप में हुई थी। यहां उन्होंने अपराधियों पर लगाम कसने के साथ कई बार प्रशासनिक सख्ती भी दिखाई। वे तब खासतौर पर चर्चा में आईं जब बिहार के पूर्व डीजीपी निखिल कुमार के साथ उनकी औरंगाबाद में किसी मुद्दे को लेकर तीखी बहस हो गई थी। मामला काफी सुर्खियों में रहा था, लेकिन उन्होंने पूरी स्थिति को शांतिपूर्वक संभाल लिया।
बीपीएससी विवाद के दौरान भी बनी थीं चर्चा का केंद्र
स्वीटी सहरावत उस समय फिर चर्चा में रहीं जब 70वीं BPSC परीक्षा के बाद छात्रों ने पटना के गांधी मैदान और जेपी गोलंबर पर जोरदार प्रदर्शन किया था। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और वाटर कैनन का सहारा लेना पड़ा। इस दौरान उनकी प्रशांत किशोर से भी बहस हुई थी, लेकिन स्वीटी ने अपने संयमित और कड़े रवैये से स्थिति को बिगड़ने नहीं दिया।
नशे के खिलाफ जंग की तैयारी
पूर्णिया में उनकी सबसे बड़ी चुनौती जिले में फैलते स्मैक के कारोबार और नशाखोरी को रोकना है। एसपी सहरावत ने साफ कहा है कि अपराधी चाहे कोई भी हो, उसे छोड़ा नहीं जाएगा। ड्रग्स, अवैध हथियार, महिलाओं पर अपराध, और संगठित अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
निष्कर्ष: ‘लेडी सिंघम’ की नई पारी, जिले को मिल सकती है नई दिशा
आईपीएस स्वीटी सहरावत का अब तक का सफर यह दिखाता है कि वह न केवल दृढ़ निश्चयी और संवेदनशील अधिकारी हैं, बल्कि जनता से संवाद और कानून-व्यवस्था दोनों को समान रूप से संभालने की काबिलियत रखती हैं। पूर्णिया में उनका आगमन एक नई उम्मीद के रूप में देखा जा रहा है, खासकर उन लोगों के लिए जो नशे और अपराध से त्रस्त हैं।