कोलकाता मेडिकल छात्रा के साथ गैंगरेप और हत्या: न्याय की उम्मीद में माता-पिता ने गया में पिंडदान किया
पिछले साल कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज की एक मेडिकल छात्रा के साथ गैंगरेप के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी, और इस दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था। मृतक छात्रा के माता-पिता ने अपनी बेटी की आत्मा की शांति के लिए बिहार के मोक्ष नगरी गया में पिंडदान किया। यह एक भावनात्मक और न्याय की मांग करने वाला कदम था, जिसमें उन्होंने विष्णुपद स्थित श्री शंकराचार्य मठ में पिंडदान का कर्मकांड किया।
माता-पिता की भावनाएं
मृतका के पिता ने कहा कि उन्होंने शासन और प्रशासन के कई दरवाजों पर दस्तक दी, लेकिन अब तक उन्हें न्याय नहीं मिल सका है। उनके मुताबिक, सभी आरोपी अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं, और सजा मिलने तक उनकी बेटी की आत्मा को शांति नहीं मिल सकती। यह बयान उनकी गहरी निराशा और इस जघन्य अपराध के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को दर्शाता है।
घटना का विवरण
पिछले साल की यह घटना एक गंभीर अपराध के रूप में सामने आई थी। मेडिकल छात्रा के साथ गैंगरेप किया गया था और उसके बाद उसे बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। इस अपराध ने देशभर में नारी सुरक्षा और कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए थे। पुलिस की तरफ से मामले में जांच की गई थी, लेकिन आरोपियों की गिरफ्तारी में सफलता नहीं मिल पाई है, जिससे मृतका के परिवार को न्याय का इंतजार है।
माता-पिता का न्याय की मांग
मृतका के पिता ने कहा कि जब तक दोषी को सजा नहीं मिलती, उनकी बेटी की आत्मा को शांति नहीं मिल सकती। उनके मुताबिक, पिंडदान की यह प्रक्रिया उनकी बेटी के लिए तो थी ही, लेकिन यह उनके लिए एक आवाज भी है, जो उस घिनौनी घटना को अंजाम देने वाले दोषियों के खिलाफ न्याय की मांग करती है। उनका यह कदम एक जंग जैसा प्रतीत हो रहा है, जिसमें उन्होंने आध्यात्मिक शांति के साथ-साथ न्याय की उम्मीद जताई है।
आध्यात्मिक शांति के साथ न्याय की मांग
पिंडदान का यह आयोजन केवल पारंपरिक धार्मिक क्रिया नहीं, बल्कि आध्यात्मिक शांति के साथ न्याय की मांग भी है। मृतका के परिवार ने अपनी बेटी के लिए न्याय की उम्मीद में इस विधि को अपनाया, ताकि उनकी बेटी की आत्मा को चैन मिल सके और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सके।
समाज की प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद से समाज में नारी सुरक्षा और कानून के प्रभावी पालन पर गंभीर चर्चा शुरू हो गई है। लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि आखिर क्यों ऐसे जघन्य अपराधों में आरोपियों को सजा नहीं मिल पाती और क्यों आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं। न्याय की यह लड़ाई एक माता-पिता के दिल की आवाज बनकर गूंज रही है, जो अपनी बेटी के लिए अंतिम समय में भी न्याय की उम्मीद कर रहे हैं।

