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भारत-नेपाल सीमा पर ‘नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी’ के खिलाफ संयुक्त जागरूकता अभियान

भारत-नेपाल सीमा पर ‘नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी’ के खिलाफ संयुक्त जागरूकता अभियान

‘नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी’ के विरुद्ध भारत-नेपाल संयुक्त जागरूकता अभियान के तहत गुरुवार, 26 जून को कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। यह अभियान अंतरराष्ट्रीय नशा विरोधी दिवस के अवसर पर चलाया गया, जिसका उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्रों में लोगों को नशे के खिलाफ जागरूक करना और सीमापार अवैध गतिविधियों को रोकना था।

इस अभियान का नेतृत्व एसएसबी 20वीं वाहिनी के कमांडेंट गिरीश चंद्र पाण्डेय ने किया। उनके निर्देशन में भारत की सशस्त्र सीमा बल (SSB) और नेपाल की सशस्त्र पुलिस बल (APF) ने मिलकर भारत-नेपाल सीमा पर स्थित बॉर्डर चेक पोस्टों पर संयुक्त रूप से कार्यक्रम आयोजित किए।

कार्यक्रम की मुख्य गतिविधियां:

  • रैलियां और नुक्कड़ नाटक के माध्यम से नशे के दुष्परिणामों की जानकारी दी गई

  • स्थानीय लोगों, व्यापारियों, और युवाओं को नशीली दवाओं की तस्करी के खतरों से अवगत कराया गया

  • सीमा पार आवागमन कर रहे नागरिकों को पंपलेट और पोस्टर के माध्यम से जागरूक किया गया

  • सामूहिक शपथ दिलाई गई कि वे न तो नशा करेंगे और न ही इसकी तस्करी को सहन करेंगे

  • सीमा सुरक्षा बलों ने एकजुट होकर संयुक्त फ्लैग मार्च भी निकाला

कमांडेंट पाण्डेय ने कहा कि सीमावर्ती इलाकों में नशे के खतरे को कम करने के लिए जन सहयोग बेहद जरूरी है। उन्होंने बताया कि एसएसबी और नेपाल पुलिस न केवल सीमा सुरक्षा में जुटे हैं, बल्कि सामाजिक जागरूकता अभियानों के माध्यम से भी नशा मुक्त समाज की दिशा में प्रयासरत हैं।

यह अभियान सीमा पार सहयोग और जन भागीदारी की एक मिसाल है, जो भविष्य में सीमा सुरक्षा और सामाजिक शांति के लिए और भी प्रभावशाली सिद्ध हो सकता है।

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