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बिहार की कानून-व्यवस्था पर लालू-तेजस्वी के हमलों पर जीतन राम मांझी का पलटवार, कहा- "लालू को बोलने का नैतिक अधिकार नहीं"

बिहार की कानून-व्यवस्था पर लालू-तेजस्वी के हमलों पर जीतन राम मांझी का पलटवार, कहा- "लालू को बोलने का नैतिक अधिकार नहीं"

बिहार में हाल ही में बढ़ते अपराध और कानून-व्यवस्था के सवाल पर सियासी जंग तेज हो गई है। एक ओर जहां राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव लगातार नीतीश सरकार पर हमलावर हैं, वहीं केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने आरजेडी पर तीखा हमला बोला है

जीतन राम मांझी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि "लालू प्रसाद यादव को बिहार में कानून-व्यवस्था पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।" उन्होंने कहा कि लालू यादव के शासनकाल को लोग अब भी "जंगलराज" के रूप में याद करते हैं और उस दौर की तुलना में आज की स्थिति काफी बेहतर है।

मांझी ने क्या कहा?

"बिहार की कानून-व्यवस्था उत्तर प्रदेश या किसी अन्य राज्य से बदतर नहीं है। नीतीश कुमार के नेतृत्व में प्रशासन त्वरित कार्रवाई करता है। घटनाएं होती हैं, लेकिन उनका राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश की जा रही है। जो लोग खुद अपराधी छवि वाले रहे हों, उन्हें दूसरों पर उंगली उठाने से पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए।"

तेजस्वी यादव पर भी निशाना

जीतन राम मांझी ने तेजस्वी यादव को भी नहीं छोड़ा। उन्होंने कहा कि तेजस्वी सिर्फ राजनीतिक स्टंट कर रहे हैं। उनके पास कोई ठोस नीति नहीं है और सिर्फ सोशल मीडिया व प्रेस कॉन्फ्रेंस के सहारे जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।

"घटनाएं राजनीतिक प्रेरित"

मांझी ने यह भी दावा किया कि बिहार में हाल के दिनों में हुई कुछ घटनाएं राजनीतिक प्रेरणा से प्रेरित हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि:

“जब महागठबंधन की सरकार थी, तब ऐसी घटनाएं क्यों नहीं होती थीं? अब जब एनडीए की सरकार है, तो विपक्ष इसे हथियार बना रहा है।”

नीतीश कुमार की तारीफ

केंद्रीय मंत्री ने नीतीश कुमार की कानून-व्यवस्था सुधारने की दिशा में उठाए गए कदमों की सराहना करते हुए कहा कि "मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का प्रशासनिक अनुभव और उनकी सख्त कार्यशैली बिहार को बेहतर बनाने में मदद कर रही है।"

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