क्या राघोपुर सीट से तेजस्वी यादव की उम्मीदवारी पर संकट के बादल? दो वोटर ID और SIR प्रक्रिया से बढ़ी आरजेडी की मुश्किलें
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं, लेकिन इस बार चुनावी चर्चाओं के केंद्र में तेजस्वी यादव की राघोपुर सीट से संभावित उम्मीदवारी है। जहां एक ओर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) इस सीट को अपने परंपरागत गढ़ के रूप में देखती है, वहीं दूसरी ओर तेजस्वी यादव के नाम दो अलग-अलग वोटर ID कार्ड और चुनाव आयोग की विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) प्रक्रिया ने पार्टी की चिंताओं को बढ़ा दिया है।
दो वोटर ID पर छिड़ा विवाद
सूत्रों के अनुसार, तेजस्वी यादव के नाम पर दो अलग-अलग EPIC नंबर—RAB2916120 और RAB0456228—सामने आए हैं, जिनमें अलग-अलग पते और विवरण दर्ज हैं। यह मामला फिलहाल चुनाव आयोग के रिकॉर्ड सत्यापन प्रक्रिया के तहत है। अगर यह साबित होता है कि दोनों पहचान पत्र सक्रिय हैं या जानबूझकर रखे गए हैं, तो यह चुनाव प्रक्रिया की गंभीर अनियमितता मानी जा सकती है। ऐसी स्थिति में तेजस्वी यादव को अयोग्यता या कानूनी कार्यवाही का सामना करना पड़ सकता है।
SIR प्रक्रिया से RJD की चिंता बढ़ी
चुनाव आयोग ने 2025 के चुनावों को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए SIR यानी विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया शुरू की है। इस प्रक्रिया के तहत वोटर लिस्ट में फर्जी, दोहरे, मृत और स्थानांतरित वोटरों की पहचान की जा रही है। राघोपुर विधानसभा क्षेत्र भी इस निगरानी सूची में शामिल है, जिससे तेजस्वी यादव की चुनावी पृष्ठभूमि की जांच और भी सघन हो गई है।
लालू यादव की रणनीति: 'लैंड टोटका' का सहारा?
तेजस्वी यादव का राघोपुर से जुड़ाव केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि भावनात्मक और पारिवारिक भी रहा है। यह वही सीट है जहां से उनके पिता लालू प्रसाद यादव और मां राबड़ी देवी ने भी चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि 'लालू लैंड' का टोटका तेजस्वी के लिए अब भी कारगर साबित हो सकता है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, RJD नेतृत्व अब भी तेजस्वी को राघोपुर से ही चुनाव मैदान में उतारने के पक्ष में है, हालांकि बैकअप सीट की तलाश पर भी चर्चा शुरू हो गई है।
विरोधियों ने तेज किए हमले
इस पूरे प्रकरण ने विपक्ष को हमले का मौका दे दिया है। भाजपा, जदयू और लोजपा (रामविलास) नेताओं ने तेजस्वी यादव पर “फर्जीवाड़ा” और “लोकतंत्र को धोखा” देने का आरोप लगाया है। बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “अगर तेजस्वी के पास दो वोटर कार्ड हैं, तो चुनाव आयोग को निष्पक्ष जांच कर उनके चुनाव लड़ने की पात्रता तय करनी चाहिए।”
RJD की सफाई
आरजेडी नेताओं का कहना है कि यह एक तकनीकी त्रुटि हो सकती है और तेजस्वी यादव किसी भी अवैध गतिविधि में शामिल नहीं हैं। पार्टी चुनाव आयोग के समक्ष अपनी स्थिति स्पष्ट करेगी और आवश्यक दस्तावेज पेश करेगी।
अब बड़ा सवाल: क्या तेजस्वी फिर राघोपुर से?
इस पूरे घटनाक्रम के बीच सबसे बड़ा सवाल यही है — क्या तेजस्वी यादव बिहार चुनाव 2025 में भी राघोपुर से चुनाव लड़ेंगे?
यदि चुनाव आयोग की जांच तेजस्वी को क्लीन चिट देती है, तो RJD उन्हें राघोपुर से ही मैदान में उतारेगी। लेकिन अगर मामला उलझता है, तो तेजस्वी को राजनीतिक और कानूनी तौर पर नई रणनीति अपनानी पड़ सकती है।

