IRCTC Scam: लालू परिवार ने CBI के आरोपों से किया इनकार, आज से फिर शुरू होगी सुनवाई
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव ने मंगलवार को भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) में कथित अनियमितताओं से संबंधित मामले में सीबीआई द्वारा उन पर लगाए गए भ्रष्टाचार और अन्य आरोपों से इनकार किया। तीनों ने इस मामले में उनके खिलाफ आरोप तय करने के लिए बहस के दौरान विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने के समक्ष ये दलीलें दीं। इन आरोपों में आपराधिक षडयंत्र, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार शामिल हैं, जिनके लिए अधिकतम सात वर्ष की जेल की सजा का प्रावधान है।
तीनों ने अपने वकीलों के माध्यम से अदालत में दावा किया कि सीबीआई के पास इस मामले में उन पर मुकदमा चलाने के लिए सबूतों का अभाव है। मामले की सुनवाई बुधवार को फिर से शुरू होगी और न्यायाधीश ने जांच अधिकारी (आईओ) को अदालत में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है।
सीबीआई से प्राप्त मंजूरी की वैधता पर सवाल
न्यायाधीश ने कहा कि आरोपी संख्या एक से चार (लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और लारा प्रोजेक्ट्स एलएलपी) की ओर से आरोप के पहलू पर आगे की दलीलें सुनी जा चुकी हैं। अगली तारीख पर आईओ को उपस्थित होने दीजिए। यूपीए-1 सरकार के दौरान रेल मंत्री रहे लालू यादव ने पहले इस मामले में उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सीबीआई से मिली मंजूरी की वैधता पर सवाल उठाया था।
कार्रवाई करने के लिए पर्याप्त सबूत
एजेंसी ने 28 फरवरी को अदालत को बताया कि इस मामले में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पर्याप्त सबूत मौजूद हैं। यह मामला आईआरसीटीसी के दो होटलों के प्रबंधन का ठेका एक निजी कंपनी को देने में कथित अनियमितताओं से संबंधित है। सीबीआई के आरोपपत्र के अनुसार, 2004 से 2014 के बीच एक साजिश रची गई, जिसके तहत पुरी और रांची स्थित भारतीय रेलवे के बीएनआर होटलों को पहले आईआरसीटीसी को हस्तांतरित किया गया। लेकिन बाद में इनके प्रबंधन और रखरखाव का काम पटना स्थित सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड को पट्टे पर दे दिया गया।
निविदा प्रक्रिया में धोखाधड़ी और हेरफेर
एजेंसी ने आरोप लगाया कि निविदा प्रक्रिया में धांधली और हेराफेरी की गई तथा सुजाता होटल्स की मदद के लिए नियम व शर्तों में बदलाव किया गया। आरोपपत्र में आईआरसीटीसी के तत्कालीन समूह महाप्रबंधक वीके अस्थाना और आरके गोयल तथा विजय कोचर और विनय कोचर (दोनों सुजाता होटल के निदेशक और चाणक्य होटल के मालिक) का भी नाम है। आरोपपत्र में डिलाइट मार्केटिंग कंपनी (जिसे अब लारा प्रोजेक्ट्स के नाम से जाना जाता है) और सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड को भी आरोपी बनाया गया है।