सुपौल से हर्षित की गिरफ्तारी के बाद उजागर हुआ अंतरराष्ट्रीय साइबर सिंडिकेट, CBI भी जांच में शामिल
बिहार के सुपौल से हर्षित नामक युवक की गिरफ्तारी के बाद एक अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध सिंडिकेट का भंडाफोड़ हुआ है। इस मामले ने जहां राज्यभर में हलचल मचा दी है, वहीं अब इसकी जांच का दायरा भी लगातार बढ़ता जा रहा है।
बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EoU) इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और कई जगहों पर लगातार छापेमारी की जा रही है। अब इस गंभीर और संवेदनशील मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) भी जांच में सहयोग के लिए सक्रिय हो गई है। इससे साफ हो गया है कि यह मामला सिर्फ राज्य तक सीमित नहीं, बल्कि इसके तार अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से जुड़े हुए हैं।
सूत्रों के मुताबिक, हर्षित की गिरफ्तारी के बाद ऐसे कई डिजिटल सुराग मिले हैं, जिनसे यह स्पष्ट हो रहा है कि यह गिरोह विदेशों से संचालित हो रहा था और भारत में ठगी की कई घटनाओं को अंजाम दिया गया है। गिरोह के सदस्य फर्जी कॉल सेंटरों, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और फिशिंग मेल्स के जरिए लोगों को ठगते थे।
ईओयू की टीम ने अब तक कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और दस्तावेज जब्त किए हैं, जिनका विश्लेषण किया जा रहा है। वहीं, CBI की साइबर क्राइम यूनिट भी अपने स्तर पर अंतरराष्ट्रीय एंगल की गहन जांच में जुट गई है।
प्रशासन का कहना है कि इस मामले में और भी गिरफ्तारियां संभव हैं और जल्द ही पूरा नेटवर्क उजागर कर लिया जाएगा। साथ ही आम नागरिकों से भी अपील की गई है कि वे किसी भी संदिग्ध लिंक या कॉल से सतर्क रहें और साइबर अपराध की किसी भी घटना की सूचना तुरंत पुलिस या साइबर सेल को दें।

