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पटना में अपराध की बढ़ती घटनाओं ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल, दो मासूमों को जिंदा जलाने का मामला

पटना में अपराध की बढ़ती घटनाओं ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल, दो मासूमों को जिंदा जलाने का मामला

बिहार की राजधानी पटना में अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है, और हाल की एक दिल दहला देने वाली घटना ने राज्य की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस बार बदमाशों ने पटना के जानीपुर थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक घटना को अंजाम दिया, जहां एम्स नर्स के दो मासूम बच्चों को उनके घर में घुसकर जिंदा जला दिया गया। यह घटना ना केवल बिहार की पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर चिंता का कारण बनी है, बल्कि राज्य सरकार के लिए भी एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन चुकी है।

घटना की विस्तृत जानकारी
जानकारी के अनुसार, यह घटना मंगलवार की रात को हुई जब कुछ अपराधियों ने बिना किसी डर के नर्स अंजली और उनके परिवार के घर में घुसकर उनके बच्चों को जिंदा जला दिया। मृतक बच्चों की पहचान अंजली की 7 साल की बेटी अंजलि और 5 साल के बेटे अंश के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, अपराधियों ने घर के अंदर घुसकर दोनों बच्चों पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी, जिसके परिणामस्वरूप दोनों बच्चों की मौत हो गई।

तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर किया हमला
इस घटना के बाद बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार को घेरते हुए इस मामले को लेकर तीखा हमला किया। तेजस्वी यादव ने इस घटना को झकझोर देने वाली बताते हुए कहा कि यह घटना साबित करती है कि बिहार में अपराधियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि राज्य की पुलिस अपराधियों के सामने नतमस्तक हो गई है और आम लोगों की सुरक्षा के मामले में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रही है।

तेजस्वी यादव ने कहा, "अगर बिहार में अपराधियों का ऐसा मनोबल बढ़ा है कि वे घर में घुसकर मासूमों की जान ले रहे हैं, तो यह सरकार की पूरी व्यवस्था पर सवाल उठाता है। क्या पुलिस को लोगों की सुरक्षा का कोई जिम्मा नहीं है?" उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मांग की कि इस घटना की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और दोषियों को सख्त सजा दी जाए।

पुलिस जांच की दिशा
घटना के बाद पटना पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है और घटनास्थल से सभी जरूरी साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह एक जघन्य अपराध है और अपराधियों को जल्द पकड़ा जाएगा। हालांकि, अभी तक किसी गिरफ्तारी की खबर नहीं आई है। पुलिस ने दावा किया है कि अपराधियों तक पहुंचने के लिए जांच के कई पहलुओं पर काम किया जा रहा है, और जल्द ही घटना के पीछे का मकसद स्पष्ट होगा।

राज्य की सुरक्षा व्यवस्था पर उठते सवाल
इस घटना ने बिहार में कानून-व्यवस्था पर फिर से सवाल खड़ा कर दिया है। कई लोग यह मानते हैं कि अगर पुलिस समय रहते प्रभावी कार्रवाई करती तो शायद ऐसी घटनाएं नहीं होतीं। पिछले कुछ महीनों में बिहार में अपराधों की बढ़ती घटनाएं, जैसे हत्या, लूट, अपहरण, और बलात्कार की वारदातें, राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन के लिए चुनौती बन चुकी हैं। बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर विपक्ष लगातार सवाल उठाता रहा है।

राज्य सरकार और पुलिस की जिम्मेदारी
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इस घटना पर शोक व्यक्त किया है और पुलिस को अपराधियों को पकड़ने के निर्देश दिए हैं। हालांकि, विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार को अपराध नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

इस घटना ने बिहार में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता पैदा कर दी है। लोग अब सरकार से यह सवाल करने लगे हैं कि आखिरकार राज्य की पुलिस किस हद तक सुरक्षा सुनिश्चित कर पा रही है, जब मासूम बच्चों को उनके घर में घुसकर मारा जा सकता है।

बिहार के नागरिकों और विपक्षी नेताओं का कहना है कि जब तक पुलिस की कार्यप्रणाली और राज्य सरकार की सुरक्षा नीतियों में सुधार नहीं होता, तब तक राज्य में इस तरह की घटनाओं को रोक पाना मुश्किल होगा।

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