बिहार में इन अफसरों को नहीं भाई खादी, राजनीति में उतरे इन दिग्गजों को मिली हार
बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों की सरगर्मी के बीच प्रशासनिक हलकों से एक बड़ी खबर सामने आई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रधान सचिव डॉ. के.एस. सिद्धार्थ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) के तहत आवेदन किया है। यदि सरकार उनका इस्तीफा मंजूर कर लेती है, तो वे औपचारिक रूप से सेवा से निवृत्त माने जाएंगे।
यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब राज्य में चुनाव आयोग किसी भी समय विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा कर सकता है। वहीं, एसआईआर प्रक्रिया (विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण) को पूरा होने में सिर्फ चार दिन का समय बचा है। इसको लेकर राज्य में सरकार और विपक्ष के बीच पहले से ही खींचतान जारी है।
डॉ. के.एस. सिद्धार्थ राज्य प्रशासन में एक सशक्त और प्रभावशाली आईएएस अधिकारी माने जाते रहे हैं। वे लंबे समय से नीतीश कुमार के साथ जुड़े रहे हैं और उन्हें मुख्यमंत्री का करीबी और भरोसेमंद अफसर माना जाता रहा है। उनके अचानक इस्तीफे को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर तेज हो गया है।
हालांकि अभी तक इस फैसले के पीछे की असली वजह सामने नहीं आई है, लेकिन इसे चुनावी रणनीति और प्रशासनिक समीकरणों से जोड़कर देखा जा रहा है। अगर सरकार उनका वीआरएस मंजूर कर लेती है, तो यह नीतीश कुमार की टीम में एक अहम बदलाव माना जाएगा।
अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि क्या सरकार डॉ. सिद्धार्थ का वीआरएस स्वीकार करती है और अगर हां, तो उनकी जगह नया प्रधान सचिव कौन होगा, खासकर ऐसे समय में जब राज्य में चुनावी प्रक्रिया अपने निर्णायक मोड़ पर है।
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