बिहटा और रनीया तालाब में अवैध बालू भंडारण का खुलासा, 3.61 लाख सीएफटी बालू का सत्यापन

बिहार में अवैध खनन और बालू के अवैध व्यापार के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने एक बार फिर बड़ी सफलता हासिल की है। बुधवार को बिहटा और रनीया तालाब थाना क्षेत्र में अवैध बालू भंडारण के खिलाफ चलाए गए अभियान में करीब तीन लाख 61 हजार सीएफटी (क्यूबिक फीट) बालू का सत्यापन किया गया। यह कार्रवाई ईओयू की विशेष टीम द्वारा की गई, जिसने मौके पर पहुंचकर बालू के स्टॉक और उससे जुड़ी वैधता की जांच की।
🔍 क्या है पूरा मामला?
ईओयू को सूचना मिली थी कि बिहटा और रनीया तालाब थाना क्षेत्रों में बिना लाइसेंस या वैध अनुमति के बड़े पैमाने पर बालू का अवैध भंडारण किया जा रहा है। इस सूचना के आधार पर विशेष टीम ने छापा मारा और मौके पर मौजूद बालू की मात्रा का भौतिक सत्यापन किया।
जांच में पाया गया कि संबंधित ठिकानों पर तीन लाख 61 हजार सीएफटी बालू अवैध तरीके से जमा किया गया था, जिसके लिए ना तो कोई खनन परमिट था और ना ही राजस्व विभाग से अनुमति।
🧾 किसने की कार्रवाई?
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कार्रवाई का नेतृत्व ईओयू की विशेष टीम ने किया।
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स्थानीय पुलिस और खनन विभाग के अधिकारियों को भी मौके पर बुलाया गया।
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संबंधित जमीन मालिकों और कारोबारियों से प्रारंभिक पूछताछ की गई है।
📉 राज्य को हो रहा था राजस्व नुकसान
इस तरह के अवैध भंडारण से राज्य को बड़े पैमाने पर राजस्व की हानि हो रही थी। न तो खनन शुल्क जमा हो रहा था और न ही बिक्री से जुड़े कर। ईओयू के अधिकारी इस मामले को आर्थिक अपराध की श्रेणी में लेकर जांच कर रहे हैं।
एक अधिकारी ने बताया:
“बालू का यह भंडारण पूरी तरह से अवैध है। इससे न केवल पर्यावरण को नुकसान हो रहा था, बल्कि सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व नुकसान भी हो रहा था। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
⚖️ क्या होगी अगली कार्रवाई?
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अवैध बालू को जब्त कर लिया गया है।
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संबंधित लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
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बालू कहां से लाया गया और किन-किन लोगों की संलिप्तता है, इसकी भी विस्तृत जांच की जा रही है।
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बैंक खातों और लेन-देन की भी जांच की जा रही है, जिससे फाइनेंशियल लिंक सामने आ सकें।
🛑 ईओयू की सतर्कता और अगला कदम
यह कार्रवाई एक संकेत है कि ईओयू बिहार में खनन माफियाओं पर शिकंजा कसने के लिए पूरी तरह से सक्रिय है। भविष्य में भी इस तरह के अवैध भंडारण, तस्करी और खनन के खिलाफ विशेष अभियान चलाए जाएंगे।