IIT पटना को मिली बड़ी तकनीकी सौगात: ‘परम रुद्र’ सुपरकंप्यूटर का शुभारंभ, बिहार-पूर्वांचल में शोध को मिलेगी नई रफ्तार
बिहार के तकनीकी और शैक्षणिक क्षेत्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि के रूप में आईआईटी पटना में अत्याधुनिक सुपरकंप्यूटर ‘परम रुद्र’ का शुभारंभ किया गया। यह सुपरकंप्यूटर केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (NSM) के तहत स्थापित किया गया है। इसके शुरू होने से न केवल आईआईटी पटना, बल्कि पूरे बिहार और पूर्वांचल क्षेत्र में उच्च स्तरीय शोध और नवाचार को नई गति मिलने की उम्मीद है।
इस अवसर पर इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव अमितेश कुमार सिन्हा ने कहा कि भारत तेजी से सुपरकंप्यूटिंग की दिशा में आत्मनिर्भर बन रहा है। उन्होंने बताया कि देशभर में अब तक 37 सुपरकंप्यूटर स्थापित किए जा चुके हैं, जिनकी कुल कंप्यूटिंग क्षमता 39 पेटाफ्लॉप्स तक पहुंच चुकी है। यह भारत की तकनीकी शक्ति और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बढ़ती भूमिका को दर्शाता है।
आईआईटी पटना में स्थापित ‘परम रुद्र’ सुपरकंप्यूटर की क्षमता 838 टेराफ्लॉप्स है। यह उच्च क्षमता वाला कंप्यूटिंग सिस्टम बड़े और जटिल डाटा विश्लेषण, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, मौसम पूर्वानुमान, जैव प्रौद्योगिकी, दवा अनुसंधान, इंजीनियरिंग सिमुलेशन और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में शोध को मजबूती प्रदान करेगा।
अमितेश कुमार सिन्हा ने बताया कि ‘परम रुद्र’ को ‘मेक इन इंडिया’ पहल के अनुरूप स्वदेशी तकनीक और घटकों से विकसित किया गया है। इसमें भारतीय संस्थानों द्वारा डिजाइन किए गए हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का उपयोग किया गया है, जिससे भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता को और बल मिलेगा।
आईआईटी पटना के निदेशक और वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने कहा कि यह सुपरकंप्यूटर संस्थान के छात्रों, शोधकर्ताओं और शिक्षकों के लिए गेम चेंजर साबित होगा। अब वे अंतरराष्ट्रीय स्तर के शोध प्रोजेक्ट्स पर काम कर सकेंगे और जटिल समस्याओं के समाधान के लिए अत्याधुनिक कंप्यूटिंग संसाधनों का उपयोग कर पाएंगे।
विशेषज्ञों का मानना है कि ‘परम रुद्र’ की स्थापना से बिहार में शोध आधारित शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा और राज्य के युवाओं को बाहर जाने के बजाय स्थानीय स्तर पर ही उच्च गुणवत्ता के संसाधन उपलब्ध होंगे। इससे स्टार्टअप, उद्योग और अकादमिक जगत के बीच सहयोग भी बढ़ेगा।
राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन का उद्देश्य देशभर के शैक्षणिक और शोध संस्थानों में उन्नत कंप्यूटिंग अवसंरचना विकसित करना है, ताकि भारत विज्ञान, तकनीक और नवाचार के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सके। आईआईटी पटना में ‘परम रुद्र’ की शुरुआत इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

