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चार वर्षीय स्नातक कोर्स में पाठ्यक्रम की अनदेखी, फोर्थ सेमेस्टर के छात्र असमंजस में, कक्षाएं शुरू लेकिन सिलेबस नहीं तैयार

चार वर्षीय स्नातक कोर्स में पाठ्यक्रम की अनदेखी: फोर्थ सेमेस्टर के छात्र असमंजस में, कक्षाएं शुरू लेकिन सिलेबस नहीं तैयार

बिहार के विभिन्न विश्वविद्यालयों में संचालित चार वर्षीय स्नातक (ऑनर्स) कोर्स के फोर्थ सेमेस्टर में नामांकित छात्र-छात्राएं इन दिनों गंभीर शैक्षणिक संकट से गुजर रहे हैं। बीते महीने से ही उनकी कक्षाएं शुरू हो चुकी हैं, लेकिन अब तक फोर्थ सेमेस्टर का पाठ्यक्रम (सिलेबस) तैयार नहीं हो सका है। इससे छात्रों में भ्रम और असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

📚 कक्षाएं चल रहीं, लेकिन दिशा तय नहीं

चार वर्षीय स्नातक कोर्स को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP-2020) के तहत लागू किया गया है। इसके अंतर्गत छात्रों को हर सेमेस्टर में क्रेडिट बेस्ड मॉड्यूल के तहत पढ़ाई करनी होती है। लेकिन फोर्थ सेमेस्टर के लिए अब तक न तो औपचारिक पाठ्यक्रम अधिसूचित किया गया है और न ही विश्वविद्यालयों को कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश मिले हैं।

प्रोफेसरों को भी पढ़ाने के लिए किसी तय पाठ्य-सामग्री का आधार नहीं मिल रहा, जिससे वे अस्थायी तौर पर पुराने सिलेबस या अनुमान के आधार पर पढ़ाई कर रहे हैं

😟 छात्रों में बढ़ रहा तनाव

छात्रों का कहना है कि बिना सिलेबस के वे यह भी नहीं समझ पा रहे कि किन विषयों पर ध्यान देना है, कौन-से पेपर होंगे, और परीक्षा का पैटर्न क्या रहेगा। इससे उनकी तैयारी प्रभावित हो रही है

एक छात्रा, रूचि कुमारी ने बताया—

“क्लास तो हो रही है, लेकिन हमें नहीं पता कि हमें क्या पढ़ाया जा रहा है, यह सिलेबस का हिस्सा भी है या नहीं। परीक्षा कब होगी, किस पैटर्न में होगी, इसकी कोई जानकारी नहीं है।”

🎓 शिक्षकों की भी मुश्किलें बढ़ीं

कॉलेज के शिक्षक भी छात्रों की परेशानी समझते हैं, लेकिन उनके पास भी स्पष्ट दिशा-निर्देश का अभाव है। एक प्रोफेसर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया—

“हमने कई बार विश्वविद्यालय प्रशासन को पत्र लिखकर सिलेबस की मांग की है, लेकिन हर बार यही कहा जाता है कि ‘प्रक्रिया में है’। छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है।”

🏛️ विश्वविद्यालय प्रशासन का पक्ष

इस पूरे मामले में विश्वविद्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि

“नई शिक्षा नीति के तहत कोर्स संरचना में बदलाव हो रहा है, इसलिए कुछ देरी हो रही है। जल्द ही सिलेबस जारी कर दिया जाएगा।”

हालांकि, छात्रों और शिक्षकों का कहना है कि इस देरी से एक पूरा सेमेस्टर प्रभावित होने की आशंका है।

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