
अगर आप वंदे भारत ट्रेन से किसी रिश्तेदार, मित्र या सहपाठी को छोड़ने रेलवे स्टेशन पर जा रहे हैं, तो एक ज़रूरी चेतावनी आपके लिए है। ट्रेन के अंदर बिना यात्रा टिकट के प्रवेश करना भारी पड़ सकता है, क्योंकि जैसे ही ट्रेन का हार्न बजता है, उसके दरवाजे ऑटोमैटिक तरीके से लॉक हो जाते हैं। इस स्थिति में अगर आप ट्रेन के अंदर रह गए तो अगले निर्धारित स्टेशन पर रुकने से पहले बाहर निकलने का कोई विकल्प नहीं होगा।
क्यों है ये जरूरी चेतावनी?
वंदे भारत ट्रेनों में स्वचालित दरवाज़े (ऑटोमेटिक डोर क्लोजिंग सिस्टम) होते हैं, जो हार्न बजते ही बंद हो जाते हैं। यह प्रक्रिया सुरक्षा के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। लेकिन बहुत से लोग अनजाने में या जल्दबाज़ी में अपने किसी परिजन को छोड़ने के दौरान ट्रेन में चढ़ जाते हैं, और समय रहते बाहर नहीं निकल पाते।
क्या होगा अगर आप अंदर रह जाएं?
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ट्रेन रुकने के बाद ही दरवाजे खुलते हैं, यानी आप अगले स्टेशन तक ट्रेन से उतर नहीं सकते।
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यदि आपके पास टिकट नहीं है तो आप पर अनधिकृत यात्रा (Unauthorized Travel) का मामला बन सकता है।
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ऐसे में जुर्माना और कभी-कभी कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।
रेलवे अधिकारी बताते हैं:
"हम यात्रियों से बार-बार अपील करते हैं कि ट्रेन को सिर्फ प्लेटफॉर्म से ही विदा करें। अंदर जाना सुरक्षा और नियमों के खिलाफ है। वंदे भारत जैसी हाई-स्पीड ट्रेनों में यह और भी जोखिम भरा है।"
हाल ही में बढ़ी हैं ऐसी घटनाएं
पिछले कुछ महीनों में कई घटनाएं सामने आई हैं, जहां कोई व्यक्ति गलती से ट्रेन में रह गया और अगले स्टेशन तक फंसा रहा। इनमें से कुछ यात्रियों ने सोशल मीडिया पर अपने अनुभव भी साझा किए हैं, जिनमें डर, घबराहट और असहजता की झलक दिखी।
रेलवे की अपील
भारतीय रेलवे ने इस संबंध में स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं:
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वंदे भारत जैसी ट्रेनों में केवल वही व्यक्ति चढ़े जिनके पास वैध टिकट हो।
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ट्रेन के चलने के संकेत (हार्न) के बाद ट्रेन के करीब भी न जाएं।
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प्लेटफॉर्म पर ही विदाई दें, ट्रेन में चढ़ने की कोशिश न करें।