बिहार से बाहर रह रहे हैं तो तुरंत कर लें ये काम, नहीं तो वोटर लिस्ट से कट जाएगा नाम

बिहार में मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण अभियान की प्रक्रिया जोरों पर चल रही है। राज्य के 7.89 करोड़ मतदाताओं के लिए अब गणना फॉर्म भरना अनिवार्य कर दिया गया है। खास बात यह है कि यह अनिवार्यता राज्य से बाहर रहने वाले मतदाताओं पर भी लागू है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल ने सभी जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश जारी किया है कि हर मतदाता को अपने विवरण का सत्यापन कराना होगा, चाहे वह राज्य में रहता हो या बाहर। फॉर्म नहीं भरा तो मतदाता सूची से हटेगा नाम बीएलओ (ब्लॉक लेवल ऑफिसर) घर-घर जाकर राज्य में मौजूद मतदाताओं का फॉर्म भरवा रहे हैं। वहीं, राज्य से बाहर रहने वाले लोग https://ceoelection.bihar.gov.in या ECI ऐप/वेबसाइट से गणना फॉर्म डाउनलोड कर 26 जुलाई 2025 तक भर सकते हैं। हस्ताक्षर और दस्तावेज अपलोड करने के बाद ही उनका नाम मतदाता सूची में होगा। अगर यह फॉर्म नहीं भरा गया तो संबंधित व्यक्ति का नाम मतदाता सूची से हटा दिया जाएगा और दोबारा नाम जोड़ने के लिए फॉर्म-6 भरना होगा।
किसको देने होंगे दस्तावेज?
जिनका नाम 2003 की मतदाता सूची में है, उन्हें कोई दस्तावेज जमा कराने की जरूरत नहीं होगी। सिर्फ गणना फॉर्म भरना ही काफी होगा।
अगर माता-पिता का नाम 2003 की सूची में है, तो भी कोई दस्तावेज की जरूरत नहीं है - बशर्ते पारिवारिक संबंध स्पष्ट हों।
1987 से पहले जन्म लेने वालों के लिए जन्म प्रमाण पत्र जमा कराना अनिवार्य है।
कौन से दस्तावेज मान्य हैं?
पासपोर्ट, आधार, पेंशन पीपीओ, जन्म प्रमाण पत्र, मैट्रिकुलेशन प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, एलआईसी/बैंक/पोस्ट ऑफिस द्वारा 1987 से पहले जारी किए गए दस्तावेज मान्य होंगे।