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चार महीने में साबित हुआ दहेज हत्या का जुर्म, पति और ससुर को आजीवन कैद, बुलेट के लिए ली थी जान

चार महीने में साबित हुआ दहेज हत्या का जुर्म, पति और ससुर को आजीवन कैद, बुलेट के लिए ली थी जान

दहेज की मांग पूरी न होने पर विवाहिता की हत्या के मामले में अररिया की एक अदालत ने अहम फैसला सुनाया है। अररिया सिविल कोर्ट के ADJ IV रवि कुमार ने दहेज हत्या के एक मामले में बसमतिया गांव के रहने वाले पिता और बेटे को उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना न देने पर उन्हें छह महीने की अतिरिक्त सजा काटनी होगी।

सेशंस केस नंबर 702/2024 में सुनवाई पूरी करने के बाद कोर्ट ने सजा के मुद्दे पर मृतका के पति कुंदन यादव और ससुर महानंद यादव को दोषी करार दिया। मामला नरपतगंज थाना क्षेत्र के बसमतिया गांव का है।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, नरपतगंज थाना क्षेत्र के बरदाहा गांव के रहने वाले भुवनेश्वरी यादव की बेटी बुलबुल देवी की शादी हिंदू रीति-रिवाज के साथ बसमतिया वार्ड नंबर 8 के रहने वाले महानंद यादव के बेटे कुंदन यादव से हुई थी। शादी के कुछ दिनों बाद ही ससुराल वाले दहेज में बुलेट बाइक और दो लाख रुपये कैश की मांग करने लगे। जब मायके वालों ने मांग पूरी नहीं की, तो बुलबुल देवी को लगातार टॉर्चर किया जाने लगा।

गला घोंटकर हत्या
बताया जा रहा है कि शादी के करीब दो साल बाद 24 अगस्त 2024 को बुलबुल देवी की ससुराल में गला घोंटकर हत्या कर दी गई। इस संबंध में मृतका के पिता ने बसमतिया थाने में केस नंबर 31/2024 दर्ज कराया था।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सबूतों और गवाहों के आधार पर मृतका के पति कुंदन यादव और ससुर महानंद यादव को दोषी पाया। इसके बाद कोर्ट ने दोनों को उम्रकैद की सजा सुनाई और जुर्माना भी लगाया।

इस फैसले को दहेज हत्या के मामलों में एक कड़े संदेश के तौर पर देखा जा रहा है।

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