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अब आपदा में सुरक्षित रहेंगे बिहार के दिव्यांगजन, बीएसडीएमए और समाज कल्याण विभाग के बीच हुआ ऐतिहासिक एमओयू

अब आपदा में सुरक्षित रहेंगे बिहार के दिव्यांगजन, बीएसडीएमए और समाज कल्याण विभाग के बीच हुआ ऐतिहासिक एमओयू

बिहार में अब दिव्यांगजनों को आपदा प्रबंधन की विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि वे किसी भी आपदा की स्थिति में स्वयं की रक्षा कर सकें और दूसरों की मदद भी कर सकें। इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (BSDMA) और समाज कल्याण विभाग के बीच महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर हुआ है।

इस समझौते के तहत दिव्यांगजनों को भूकंप, बाढ़, आग, तूफान या अन्य प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षित रहने के लिए आवश्यक ज्ञान और प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह पहल बिहार में समावेशी आपदा प्रबंधन की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी।

400 मास्टर ट्रेनर्स तैयार

आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने इसके लिए पहले चरण में बुनियाद केंद्र के 400 कर्मियों को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया है। अब ये मास्टर ट्रेनर गांव-गांव जाकर दिव्यांगजनों को आपदा से बचाव की ट्रेनिंग देंगे। प्रशिक्षण में सुनने, देखने, बोलने और चलने में असमर्थ लोगों के लिए अलग-अलग रणनीतियां अपनाई जाएंगी, ताकि हर वर्ग तक मदद पहुंच सके।

प्रशिक्षण में क्या-क्या सिखाया जाएगा?

दिव्यांगजनों को आपदा के दौरान:

  • सुरक्षित स्थान की पहचान करना

  • जल्द प्रतिक्रिया देना और अलर्ट सिस्टम को समझना

  • सहायता के लिए संचार के विकल्प अपनाना

  • सीढ़ियों, लिफ्ट और रैंप जैसी संरचनाओं का सुरक्षित इस्तेमाल करना

  • मनोवैज्ञानिक तनाव से निपटना और अन्य लोगों को सचेत करना

जैसी चीजों की जानकारी दी जाएगी। इसके साथ ही उन्हें स्वतंत्रता से बचाव करने के लिए आवश्यक किट और तकनीकी मदद भी उपलब्ध कराई जाएगी।

क्यों है यह पहल जरूरी?

बिहार एक आपदा संभावित राज्य है, जहां हर वर्ष बाढ़, भूकंप, अगलगी और तूफान जैसी आपदाएं आती रहती हैं। इन परिस्थितियों में दिव्यांगजन सबसे अधिक असुरक्षित होते हैं। संचार, गति और जागरूकता की कमी के चलते उन्हें समय पर सहायता नहीं मिल पाती।

इस पहल का उद्देश्य है कि दिव्यांगजन किसी पर निर्भर न रहकर खुद भी संकट से निपटने में सक्षम बनें। साथ ही, यह समाज को भी जागरूक करेगा कि सभी के लिए आपदा प्रबंधन योजना होनी चाहिए।

अधिकारियों ने क्या कहा?

बीएसडीएमए के अधिकारियों ने बताया कि यह कार्यक्रम पूरे राज्य में चरणबद्ध तरीके से लागू होगा। “हमारा लक्ष्य है कि राज्य के हर जिले, हर गांव तक जाकर दिव्यांगजनों को प्रशिक्षित करें, ताकि किसी भी आपदा के समय वे अकेले न महसूस करें।”

वहीं, समाज कल्याण विभाग की सचिव ने कहा कि यह समझौता दिव्यांगजनों के आत्मबल और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगा और उन्हें मुख्यधारा में लाने का एक सशक्त माध्यम बनेगा।

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