अवैध कारतूस की ब्लैक मार्केटिंग पर सरकार सख्त, गृह विभाग ने जारी किए सख्त दिशा-निर्देश

बिहार में कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने और 2025 के आगामी विधानसभा चुनावों को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने अवैध कारतूस और हथियारों की ब्लैक मार्केटिंग पर लगाम कसने की तैयारी तेज कर दी है। इस संबंध में गृह विभाग ने एक विस्तृत कार्य योजना और दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जो पूरे राज्य में प्रभावी रूप से लागू किए जाएंगे।
लाइसेंसधारियों की जांच के लिए स्थायी समिति गठित
गृह विभाग के आदेश के तहत अब जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक स्थायी समिति गठित की गई है। यह समिति प्रत्येक तीन माह पर अपने क्षेत्र की सभी लाइसेंसधारी हथियार व कारतूस दुकानों की जांच करेगी और उनकी लाइसेंस नवीकरण प्रक्रिया की समीक्षा भी करेगी। यदि किसी लाइसेंसधारी के खिलाफ अनियमितता या संदेहास्पद गतिविधियों के प्रमाण मिलते हैं, तो उसका लाइसेंस तत्काल प्रभाव से रद्द किया जा सकता है।
राज्य स्तरीय समीक्षा हर छह माह या वार्षिक आधार पर
इस अभियान को गंभीरता से लेते हुए गृह विभाग और पुलिस मुख्यालय ने निर्णय लिया है कि हर छह माह या वार्षिक स्तर पर राज्य स्तरीय उच्चस्तरीय समीक्षा की जाएगी। इसमें सभी जिलों की रिपोर्ट एकत्र की जाएगी और जरूरत पड़ने पर कार्रवाई के लिए विशेष टीमें गठित की जाएंगी।
राज्य सरकार का मानना है कि चुनाव से पहले अवैध हथियारों और गोलियों की आपूर्ति पर कड़ी निगरानी से अपराधियों और असामाजिक तत्वों की गतिविधियों पर लगाम लगाई जा सकती है।
आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लाइसेंसधारकों की हो रही पहचान
अभियान के तहत गृह विभाग ने यह भी निर्देश दिया है कि सभी जिलों में ऐसे लाइसेंसधारियों की पहचान की जाए जिनका आपराधिक इतिहास रहा है या जो किसी भी रूप से गैर-कानूनी गतिविधियों में संलिप्त रहे हैं। इनकी गतिविधियों पर विशेष नजर रखी जाएगी और यदि आवश्यक हो तो इनके लाइसेंस रद्द करने की अनुशंसा की जाएगी।
चुनाव से पहले कानून-व्यवस्था मजबूत करने की कवायद
गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि “यह कदम पूरी तरह से चुनाव पूर्व सतर्कता और कानून-व्यवस्था को मज़बूत करने की दिशा में उठाया गया है। हमने पाया है कि कई बार वैध लाइसेंस की आड़ में अवैध कारतूसों की आपूर्ति की जाती है, जिसे अब किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
मुख्य बिंदु:
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जिला स्तर पर तीन माह पर होगी लाइसेंसधारियों की जांच
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जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित हुई स्थायी समिति
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गृह विभाग व पुलिस मुख्यालय हर 6 माह या वार्षिक समीक्षा करेंगे
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अपराधियों से संबंध रखने वाले लाइसेंसधारियों की पहचान जारी
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चुनाव पूर्व शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार का प्राथमिक लक्ष्य