मोहनिया सीट पर बीजेपी में घमासान, गीता पासी ने अपनी ही पार्टी की विधायक पर बोला हमला

जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव 2025 नजदीक आ रहे हैं, राजनीतिक दलों के भीतर अंतर्विरोध भी सतह पर आने लगे हैं। कैमूर जिले की मोहनिया आरक्षित विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के भीतर ही बगावती सुर सुनाई देने लगे हैं। भाजपा जिला पार्षद और नेत्री गीता पासी ने पार्टी की मौजूदा विधायक संगीता कुमारी पर गंभीर आरोप लगाते हुए खुला मोर्चा खोल दिया है।
गीता पासी रविवार को दादर गांव के खेल मैदान की चाहरदीवारी निर्माण कार्य के शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल हुईं। कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने विधायक संगीता कुमारी को निशाने पर लेते हुए उन्हें "एसी वाली विधायिका" करार दिया और आरोप लगाया कि विधायक का जनता से कोई सरोकार नहीं है।
🗣️ क्या कहा गीता पासी ने?
गीता पासी ने कहा,
"जनता ने जिन्हें चुनकर भेजा, वे जमीन पर दिखाई नहीं देतीं। सिर्फ एसी कमरों में बैठकर जनसेवा नहीं होती। जनता की समस्याएं सुनी ही नहीं जातीं। यह सीट भाजपा की है, लेकिन कार्यकर्ताओं की अनदेखी हो रही है।"
उन्होंने संकेत दिए कि यदि नेतृत्व ने स्थिति नहीं संभाली, तो वे भविष्य में कोई बड़ा फैसला ले सकती हैं।
🔥 बीजेपी में आंतरिक कलह की आहट
गीता पासी के इस बयान ने साफ कर दिया है कि मोहनिया सीट पर भाजपा में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा। यह सीट अनुसूचित जाति (SC) आरक्षित है और भाजपा के लिए हमेशा से अहम रही है, लेकिन अब वहां संगठन और नेतृत्व के बीच खींचतान की स्थिति बनती दिख रही है।
🧐 राजनीतिक विश्लेषण
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि गीता पासी का यह बयान चुनावी टिकट को लेकर दबाव बनाने की रणनीति हो सकती है। वहीं, पार्टी आलाकमान के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण स्थिति बन गई है, क्योंकि गुटबाजी अगर गहराई, तो इसका सीधा असर विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन पर पड़ेगा।
🚩 पार्टी की प्रतिक्रिया का इंतजार
अब देखना यह है कि भाजपा नेतृत्व इस बयान को कैसे लेता है — क्या गीता पासी को समझाने की कोशिश होगी या उन्हें सख्ती से जवाब दिया जाएगा। फिलहाल मोहनिया में सियासी तापमान तेजी से चढ़ता दिख रहा है।