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समस्तीपुर में शिक्षा व्यवस्था में फर्जीवाड़ा उजागर, दूसरे के नाम पर प्रशिक्षण ले रही फर्जी शिक्षिका गिरफ्तार

बीएड कॉलेज में पकड़ी गई फर्जी शिक्षिका, दूसरे के नाम पर ले रही थी प्रशिक्षण; ऐसे हुआ खुलासा

बिहार के समस्तीपुर जिले में शिक्षा व्यवस्था को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। एक बीएड कॉलेज में दूसरे व्यक्ति के नाम पर प्रशिक्षण ले रही फर्जी शिक्षिका को बायोमेट्रिक जांच के बाद गिरफ्तार किया गया है। आरोपी महिला की पहचान सोनी कुमारी के रूप में हुई है। पुलिस ने इस मामले में तीन महिलाओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जबकि पूरे फर्जीवाड़े की गहराई से जांच की जा रही है।

मामला तब उजागर हुआ जब बीएड कॉलेज में नियमित बायोमेट्रिक उपस्थिति की जांच की गई। जांच के दौरान यह पाया गया कि एक प्रशिक्षु की बायोमेट्रिक जानकारी रिकॉर्ड से मेल नहीं खा रही है। शक होने पर कॉलेज प्रशासन ने इसकी सूचना संबंधित विभाग और पुलिस को दी। इसके बाद जब गहन जांच की गई तो खुलासा हुआ कि सोनी कुमारी किसी अन्य महिला के नाम और दस्तावेजों पर प्रशिक्षण ले रही थी।

पुलिस के अनुसार, आरोपी ने पहचान बदलकर न सिर्फ प्रशिक्षण लिया, बल्कि शिक्षा विभाग को भी गुमराह किया। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि यह फर्जीवाड़ा सुनियोजित तरीके से किया गया था। इसमें कम से कम तीन महिलाओं की भूमिका सामने आई है, जो आपस में मिलीभगत कर इस धोखाधड़ी को अंजाम दे रही थीं।

बायोमेट्रिक जांच के बाद जब सच्चाई सामने आई, तो कॉलेज परिसर में हड़कंप मच गया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर सोनी कुमारी को हिरासत में लिया और पूछताछ शुरू की। पूछताछ में आरोपी के बयान के आधार पर पुलिस को शक है कि यह मामला केवल एक कॉलेज तक सीमित नहीं हो सकता, बल्कि इसके तार अन्य प्रशिक्षण संस्थानों या बड़े गिरोह से भी जुड़े हो सकते हैं।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मामले में जालसाजी, फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल और धोखाधड़ी जैसी धाराओं में केस दर्ज किया जा रहा है। साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि फर्जी तरीके से प्रशिक्षण लेकर आरोपी का उद्देश्य सरकारी या निजी स्कूल में नौकरी हासिल करना था या नहीं।

कॉलेज प्रशासन ने भी इस घटना को गंभीर लापरवाही बताया है और कहा है कि भविष्य में बायोमेट्रिक और दस्तावेज़ सत्यापन की प्रक्रिया को और सख्त किया जाएगा। शिक्षा विभाग ने मामले की रिपोर्ट तलब की है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के संकेत दिए हैं।

इस घटना ने एक बार फिर शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और निगरानी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर समय रहते ऐसे मामलों पर रोक नहीं लगी, तो इससे योग्य अभ्यर्थियों के अधिकारों का हनन होगा और शिक्षा की गुणवत्ता पर भी असर पड़ेगा।

फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है और साजिश में शामिल अन्य लोगों की भूमिका की भी पड़ताल की जा रही है। अधिकारियों का दावा है कि जल्द ही इस फर्जीवाड़े से जुड़े सभी दोषियों को कानून के शिकंजे में लाया जाएगा।

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