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जौहरी से 80 लाख की लूट का खुलासा, चार गिरफ्तार, 70 लाख के सोने के बिस्कुट बरामद

जौहरी से 80 लाख की लूट का खुलासा, चार गिरफ्तार, 70 लाख के सोने के बिस्कुट बरामद

बिहार में जौहरी से हुई 80 लाख रुपये के सोने की लूट के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने इस सनसनीखेज वारदात का खुलासा करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से करीब 70 लाख रुपये के सोने के बिस्कुट भी बरामद किए गए हैं। यह वारदात 15 जून को घटी थी और इसके बाद से ही पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी थी।

घटना के मुताबिक, 15 जून को एक स्थानीय जौहरी से कुछ बदमाशों ने दिनदहाड़े 80 लाख रुपये मूल्य के सोने के बिस्कुट लूट लिए थे। इस हाई-प्रोफाइल अपराध से इलाके में हड़कंप मच गया था, और पुलिस की कई टीमें जांच में लगाई गई थीं। लगातार तकनीकी सर्विलांस, गुप्त सूचना और सीसीटीवी फुटेज की मदद से पुलिस ने मामले की तह तक पहुंच बनाई।

पुलिस अधीक्षक ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी कि चारों आरोपियों को बिहार और झारखंड से गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार आरोपियों में पेशेवर अपराधी शामिल हैं, जिनका आपराधिक इतिहास भी सामने आया है। पुलिस ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ में लूट की पूरी साजिश का खुलासा हुआ है, जिसमें उन्होंने पहले जौहरी की गतिविधियों की रेकी की, फिर सुनियोजित तरीके से वारदात को अंजाम दिया।

पुलिस के अनुसार, वारदात के तुरंत बाद आरोपी अलग-अलग राज्यों में भाग गए थे ताकि उनकी पहचान न हो सके। झारखंड और बिहार में छापेमारी कर पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार किया और इनके पास से लूट का माल — 70 लाख रुपये मूल्य के सोने के बिस्कुट — बरामद किया। शेष बचे माल की बरामदगी और अन्य संभावित आरोपियों की तलाश जारी है।

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जल्द ही चारों आरोपियों को न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा और कोर्ट से रिमांड की मांग कर आगे की पूछताछ की जाएगी। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अन्य सहयोगियों और किसी गिरोह से इनके संबंधों की भी जांच कर रही है।

इस लूटकांड के खुलासे के बाद स्थानीय व्यापारियों और सर्राफा व्यवसायियों ने पुलिस की सराहना की है। उन्होंने कहा कि इस तरह की तेज कार्रवाई से अपराधियों में डर और व्यापारियों में विश्वास पैदा हुआ है।

बहरहाल, बिहार में इस लूटकांड का जल्द खुलासा होना पुलिस के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। लेकिन इस वारदात ने यह भी दिखा दिया है कि सुनियोजित अपराध के लिए अपराधी अब अंतरराज्यीय स्तर पर भी सक्रिय हो चुके हैं, जिसे रोकने के लिए निरंतर चौकसी और गुप्त सूचना तंत्र को और मजबूत करने की आवश्यकता है।

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