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मुजफ्फरपुर में बीजेपी के पूर्व मंडल अध्यक्ष पर जानलेवा हमला, गोलियों से घायल — कानून-व्यवस्था पर उठे सवाल

मुजफ्फरपुर में बीजेपी के पूर्व मंडल अध्यक्ष पर जानलेवा हमला, गोलियों से घायल — कानून-व्यवस्था पर उठे सवाल

मुजफ्फरपुर में आपराधिक घटनाएँ लगातार बढ़ती जा रही हैं। ताज़ा मामला मनियारी थाना क्षेत्र का है, जहां भारतीय जनता पार्टी के पूर्व मंडल अध्यक्ष विनोद दास पर अज्ञात हमलावरों ने फायरिंग कर दी। गोली लगने से वे गंभीर रूप से घायल हो गए। इस वारदात से इलाके में दहशत फैल गई है, वहीं राजनीतिक हलकों में कानून-व्यवस्था को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएँ सामने आ रही हैं।

जानकारी के अनुसार, विनोद दास अपने रोज़मर्रा के काम से कहीं जा रहे थे, तभी पहले से घात लगाए बदमाशों ने उन्हें निशाना बनाया। हमलावरों ने नज़दीक से कई गोलियाँ चलाईं, जिनमें से कुछ उन्हें लगीं। स्थानीय लोगों की मदद से तुरंत उन्हें अस्पताल पहुँचाया गया, जहाँ उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। डॉक्टरों की एक विशेष टीम उनकी जान बचाने में जुटी हुई है।

हमले के पीछे की मंशा पर सवाल — क्या यह साज़िश?
घटना के बाद कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस हमले के पीछे राजनीतिक रंजिश हो सकती है। बीजेपी नेताओं द्वारा भी इसे सोची-समझी साज़िश करार दिया जा रहा है। उनका कहना है कि एक सक्रिय और लोकप्रिय नेता को निशाना बनाना राजनीति में हिंसा और असहिष्णुता की बढ़ती प्रवृत्ति को दर्शाता है।

बीजेपी कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनका आरोप है कि अपराधी बेख़ौफ़ होकर ऐसी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं, जबकि पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रहती है। पार्टी नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द से जल्द अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो वे व्यापक आंदोलन करेंगे।

घटना के बाद पुलिस की सक्रियता बढ़ी
वारदात की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुँची और जांच शुरू की। आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही अपराधियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। हालांकि स्थानीय लोगों का आरोप है कि अपराधियों के हौसले इतनी आसानी से नहीं बढ़े हैं, इसके पीछे पुलिस की लापरवाही और सिस्टम की कमजोरी भी बड़ी वजह है।

मनियारी थाना क्षेत्र पहले भी कई बड़ी आपराधिक घटनाओं का गवाह रहा है। ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था एक बार फिर कटघरे में खड़ी है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि आम नागरिकों की सुरक्षा जब खतरे में है, तो राजनीतिक और सामाजिक रूप से सक्रिय व्यक्तियों की रक्षा कौन करेगा?

राजनीतिक माहौल में तनाव
घटना के बाद से इलाके में तनाव का माहौल है। समर्थकों की भीड़ अस्पताल परिसर में जुटी है और सभी उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं। सामाजिक संगठनों ने भी इस हमले की निंदा की है और अपराधियों को कड़ी सज़ा दिलाने की मांग की है।

न्याय और सुरक्षा की मांग तेज
मुजफ्फरपुर के लोग लगातार बढ़ रही आपराधिक घटनाओं को देखते हुए खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। इस घटना ने न केवल कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठा दिए हैं, बल्कि राजनीतिक सुरक्षा को लेकर भी चर्चा तेज कर दी है।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि पुलिस को केवल बयानबाज़ी के बजाय वास्तविक कार्रवाई करनी होगी, ताकि अपराधियों में कानून का डर वापस लौटे और आम जनता चैन की साँस ले सके।

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