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बिहार में बाढ़ का कहर, कहलगांव में खतरे के निशान से ऊपर पहुंचा गंगा का जलस्तर, गांव जलमग्न

बिहार में बाढ़ का कहर: कहलगांव में खतरे के निशान से ऊपर पहुंचा गंगा का जलस्तर, गांव जलमग्न

कहलगांव (भागलपुर) में गंगा नदी एक बार फिर रौद्र रूप में दिखाई दे रही है। लगातार हो रही बारिश और नेपाल से आ रहे अतिरिक्त पानी के कारण गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। मंगलवार को गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 28 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया, जिससे तटीय इलाकों में दहशत का माहौल बन गया है।

पिछले दो घंटों में ही गंगा के जलस्तर में एक सेंटीमीटर की और वृद्धि दर्ज की गई है। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि बारिश का सिलसिला और जलप्रवाह यूं ही जारी रहा, तो अगले कुछ घंटों में जलस्तर और बढ़ सकता है, जिससे स्थिति और भयावह हो सकती है।

गंगा के साथ-साथ इसकी सहायक नदियां – कुआ, घोघा, गेरूआ और भयाना – भी उफान पर हैं। इन नदियों के जलस्तर में आई तेज़ वृद्धि के चलते कहलगांव के कई निचले इलाकों में बाढ़ का पानी फैल चुका है। गंगा का दियारा इलाका पूरी तरह जलमग्न हो चुका है, जबकि दक्षिणी क्षेत्र के सभी चौर भी पानी में डूब गए हैं। बाढ़ के पानी ने लगभग आधा दर्जन गांवों को अपने घेरे में ले लिया है, जिससे ग्रामीणों की चिंता बढ़ गई है।

स्थानीय लोगों ने बताया कि प्रशासन की ओर से अब तक कोई विशेष राहत या सहायता नहीं पहुंचाई गई है। गांवों में जलभराव के कारण लोगों का आवागमन बाधित हो गया है। पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने में भी दिक्कतें आ रही हैं।

बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त, प्रशासन सतर्क लेकिन व्यवस्था सवालों के घेरे में

हालांकि प्रशासन की ओर से निगरानी तेज कर दी गई है और एनडीआरएफ की टीमों को सतर्क रहने को कहा गया है, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि न तो समय पर नावों की व्यवस्था की गई है, न ही राहत शिविर तैयार हैं। कई इलाकों में बिजली आपूर्ति भी बाधित हो गई है।

बाढ़ के कारण धान की खेती बुरी तरह प्रभावित हो रही है। चौर क्षेत्रों में किसानों ने बिचड़ा डाला था, लेकिन अब खेत जलमग्न हो चुके हैं, जिससे फसल बर्बाद होने का खतरा मंडरा रहा है।

स्थानीय प्रशासन ने जारी की चेतावनी

कहलगांव के एसडीओ ने बताया कि गंगा और उसकी सहायक नदियों की निगरानी लगातार की जा रही है। तटीय क्षेत्रों में मुनादी कराकर लोगों को सतर्क किया जा रहा है। खतरे वाले गांवों में नावों की व्यवस्था की जा रही है और जलस्तर पर लगातार नजर रखी जा रही है।

फिलहाल गंगा की धारा का दबाव लगातार बना हुआ है, जिससे स्थिति बेहद गंभीर होती जा रही है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों से बचें और किसी भी आपात स्थिति में स्थानीय प्रशासन से संपर्क करें।

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