भोजपुर के पीरो में किसानों का फूटा गुस्सा, एमएसपी पर खरीद न होने से धान की फसल जलाई
बिहार के भोजपुर जिले के पीरो अनुमंडल में किसानों का गुस्सा उस समय सड़कों पर नजर आया, जब सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर धान की खरीद शुरू नहीं हो सकी। लंबे इंतजार और लगातार मांगों के बावजूद खरीद प्रक्रिया शुरू न होने से नाराज किसानों ने विरोध का अनोखा और चौंकाने वाला तरीका अपनाया और अपनी ही उपज को आग के हवाले कर दिया। इस घटना से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया।
किसानों का कहना है कि सरकार हर साल एमएसपी पर धान खरीदने की घोषणा तो करती है, लेकिन जमीनी स्तर पर इसका लाभ नहीं मिल पाता। पीरो क्षेत्र के किसानों ने बताया कि पैक्स (प्राथमिक कृषि साख समितियों) के माध्यम से अब तक धान की खरीद शुरू नहीं की गई है। इसके चलते वे बिचौलियों और व्यापारियों को मजबूरी में अपनी फसल कम दामों पर बेच रहे हैं, जिससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कहा कि लागत लगातार बढ़ रही है, लेकिन उपज का सही मूल्य नहीं मिल पा रहा। खाद, बीज, डीजल और मजदूरी के बढ़ते खर्च के बावजूद अगर एमएसपी पर खरीद नहीं होगी तो खेती घाटे का सौदा बन जाएगी। किसानों ने आरोप लगाया कि प्रशासन और संबंधित विभाग उनकी समस्याओं को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।
किसानों द्वारा धान की फसल जलाए जाने की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन और पुलिस मौके पर पहुंची। अधिकारियों ने किसानों को समझाने का प्रयास किया और आश्वासन दिया कि उनकी मांगों को उच्च अधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा। हालांकि, किसानों का कहना है कि उन्हें केवल आश्वासन नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई चाहिए।
इस घटना ने एक बार फिर बिहार में एमएसपी पर फसल खरीद की व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हर साल राज्य के कई हिस्सों से ऐसी शिकायतें सामने आती हैं कि पैक्स के जरिए समय पर खरीद शुरू नहीं होती, जिससे किसानों को निजी व्यापारियों के भरोसे रहना पड़ता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि समय पर सरकारी खरीद शुरू हो जाए, तो किसानों को अपनी उपज का उचित मूल्य मिल सकता है और ऐसे विरोध प्रदर्शन की नौबत नहीं आएगी।

