शिक्षकों की ट्रांसफर-पोस्टिंग की शिकायतों का निपटारा अब जिला स्तर पर, 8 सदस्यीय कमेटी का गठन
प्रदेश में शिक्षकों की ट्रांसफर-पोस्टिंग और इससे संबंधित शिकायतों के निपटारे में अब बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। शिक्षा विभाग ने सभी जिलों में जिला स्थापना समिति गठित करने का आदेश जारी किया है। इसका उद्देश्य शिक्षकों की शिकायतों का समाधान तेज़ और पारदर्शी तरीके से करना है।
शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव ने मंगलवार, 12 अगस्त 2025 को संबंधित पत्र जारी किया। इस पत्र के अनुसार, अब किसी भी शिक्षक की ट्रांसफर या पोस्टिंग से जुड़ी शिकायत का निपटारा सीधे जिला स्तर पर किया जाएगा। इससे पहले यह मामला अक्सर राज्य स्तर पर लंबित रहता था और शिक्षकों को अपेक्षित राहत नहीं मिल पाती थी।
जिला स्थापना समिति की अध्यक्षता जिला पदाधिकारी (डीएम) करेंगे। इस समिति में कुल 8 सदस्य होंगे, जिनमें शिक्षा विभाग और संबंधित अन्य विभागों के अधिकारी शामिल होंगे। समिति का कार्य होगा कि शिक्षक अपने स्थानांतरण, पदस्थापना या अन्य संबंधित शिकायतों को सीधे जिला स्तर पर प्रस्तुत कर सकें और उन्हें समय पर समाधान मिल सके।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से शिक्षकों में पारदर्शिता और भरोसा बढ़ेगा। इसके अलावा, शिकायतों के निपटारे की प्रक्रिया भी तेज होगी, जिससे शिक्षकों को उनके कामकाज और पदस्थापना में आसानी होगी।
शिक्षा विभाग ने सभी जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे समिति के गठन और संचालन में पूरी पारदर्शिता बरतें। शिक्षकों को भी इस प्रक्रिया के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि वे अपने मुद्दों को समय पर और सही मंच पर उठा सकें।
जिले स्तर पर ट्रांसफर और पोस्टिंग के मामलों का निपटारा होने से अब शिक्षक लंबे इंतजार और प्रशासनिक अड़चनों से बच सकेंगे। इससे विभागीय कामकाज में भी सुधार आएगा और शिक्षकों का मनोबल बढ़ेगा।
इस नई व्यवस्था के तहत जिला स्थापना समिति की बैठकें नियमित रूप से आयोजित होंगी और सभी शिकायतों का न्यायपूर्ण और शीघ्र समाधान किया जाएगा। अधिकारियों का यह कदम शिक्षकों के अधिकारों की रक्षा और उनके हितों की पूर्ति के लिए सराहनीय माना जा रहा है।
विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि इससे राज्य के शैक्षिक ढांचे में सुधार होगा और शिक्षक अपने कार्यों पर अधिक ध्यान केंद्रित कर पाएंगे। इसके अलावा, शिक्षकों के स्थानांतरण और पोस्टिंग के मामलों में संभावित अनियमितताओं और पारदर्शिता की कमी को भी दूर किया जा सकेगा।
प्रदेश के शिक्षा विभाग की यह पहल शिक्षा प्रणाली में सुधार और कर्मचारियों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए अहम कदम है। अब यह देखना होगा कि जिला स्तर पर गठित समिति कितनी प्रभावी ढंग से शिक्षकों की शिकायतों का निपटारा करती है और राज्य के शैक्षिक माहौल को कितना सकारात्मक रूप से प्रभावित करती है।

