नालंदा में शिक्षा विभाग के अधिकारी की रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तारी, सरकारी तंत्र पर फिर उठे सवाल

बिहार के नालंदा जिले से एक बार फिर सरकारी महकमे की साख को गहरा झटका लगा है। इस बार मामला शिक्षा विभाग से जुड़ा है, जहां हिलसा अनुमंडल में तैनात जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (DPO) अनिल कुमार को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया है।
विशेष निगरानी इकाई (Vigilance Bureau) की टीम ने मंगलवार को यह कार्रवाई की और आरोपी अधिकारी को 20 हजार रुपये की घूस लेते हुए पकड़ा।
योजनागत घोटाले की तरफ इशारा
सूत्रों के अनुसार, अनिल कुमार पर आरोप था कि वह विभागीय काम के एवज में रिश्वत की मांग कर रहे थे। शिकायत मिलते ही निगरानी इकाई ने जाल बिछाकर कार्रवाई की योजना बनाई। तय समय पर जैसे ही अनिल कुमार ने रिश्वत की राशि स्वीकार की, टीम ने उन्हें रंगेहाथ दबोच लिया। गिरफ्तारी के बाद उनके कार्यालय और निजी ठिकानों पर तलाशी अभियान भी चलाया गया है।
शिक्षा विभाग की छवि पर बट्टा
यह मामला इसलिए भी गंभीर माना जा रहा है क्योंकि DPO जैसे पद पर बैठे अधिकारी पर भ्रष्टाचार के आरोप, शिक्षा व्यवस्था की पारदर्शिता और भरोसे पर प्रश्नचिन्ह लगाते हैं। नालंदा, जो ज्ञान और शिक्षा की ऐतिहासिक नगरी के रूप में जाना जाता है, वहां शिक्षा विभाग के भीतर इस तरह की घटना प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सीधा प्रहार है।
निगरानी विभाग की सख्त कार्रवाई
विशेष निगरानी इकाई के अधिकारी ने बताया कि “हमें शिकायत मिली थी कि डीपीओ अनिल कुमार स्कूलों से जुड़े योजनागत फाइलों के निपटारे के बदले रिश्वत मांग रहे थे। शिकायत की पुष्टि के बाद कार्रवाई की गई।” गिरफ्तार अधिकारी को पटना मुख्यालय लाया गया है, जहां उनसे पूछताछ की जा रही है। आगे की कार्रवाई में निलंबन और विभागीय जांच की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
स्थानीय स्तर पर विरोध और रोष
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय शिक्षकों और समाजसेवियों में आक्रोश फैल गया। कई लोगों ने कहा कि शिक्षा जैसे संवेदनशील विभाग में इस प्रकार की घटनाएं सरकारी योजनाओं की जमीनी हकीकत उजागर करती हैं। कुछ संगठनों ने दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई और विभाग में व्यापक सुधार की मांग की है।