ईडी की जांच में बड़ा खुलासा: धर्मांतरण के आरोपी जमालुद्दीन उर्फ छांगुर के खातों में विदेश से आया करोड़ों का फंड
धर्मांतरण मामले में गिरफ्तार किए गए जमालुद्दीन उर्फ छांगुर को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। जांच एजेंसी को उसके 30 बैंक खातों का पता चला है, जिनमें से कई में विदेश से भारी मात्रा में धनराशि जमा कराई गई है।
ईडी सूत्रों के मुताबिक, इन खातों में से 18 खातों में 68 करोड़ रुपये से अधिक के लेनदेन का पता चला है। हैरानी की बात यह है कि पिछले तीन महीनों में ही सात करोड़ रुपये की राशि इन खातों में जमा की गई है, जिससे एजेंसियों को विदेशी फंडिंग और धर्मांतरण के नेटवर्क के बीच सीधा संबंध नजर आ रहा है।
जानकारी के अनुसार, ये फंडिंग मुख्य रूप से खाड़ी देशों, यूके, और कुछ अफ्रीकी देशों से की गई है। संदेह है कि यह धनराशि छांगुर द्वारा धर्मांतरण के लिए चलाई जा रही मुहिम में इस्तेमाल की जा रही थी। बताया जा रहा है कि यह राशि फर्जी एनजीओ, धार्मिक ट्रस्ट और मदरसों के नाम पर प्राप्त की गई थी, जो बाद में ग्रामीण इलाकों में सक्रिय 'फील्ड एजेंटों' को वितरित की जाती थी।
ईडी अब इन खातों से जुड़े सभी लेनदेन, ट्रांसफर और उपयोग की पूरी मनी ट्रेल खंगाल रही है। साथ ही इन खातों के नामजद धारकों, ऑपरेटरों और संबंधित संस्थाओं से पूछताछ की तैयारी भी की जा रही है।
ईडी की रिपोर्ट के अनुसार, छांगुर ने इन पैसों का इस्तेमाल सैकड़ों युवाओं को प्रशिक्षण देने, उन्हें हिंदू नामों से पहचान देकर युवतियों को प्रेमजाल में फंसाने और बाद में धर्मांतरण कराने जैसे कार्यों में किया। कई जिलों में छांगुर के कथित अनुयायियों द्वारा 'गोपनीय मिशन' चलाए जा रहे थे, जहां पीड़ितों को दबाव, लालच और झांसे में लेकर धर्मांतरण के लिए मजबूर किया जाता था।
धनशोधन की जांच के तहत ईडी अब विदेशी चंदे के स्रोत, वित्तीय मार्ग, और इन खातों से जुड़ी संस्थाओं की वैधता की भी गहराई से जांच कर रही है। अगर ये संस्थाएं FCRA (विदेशी चंदा विनियमन अधिनियम) के उल्लंघन में पाई गईं, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस पूरे मामले ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चल रहे कट्टरपंथी एजेंडे की ओर इशारा किया है, जिसमें भारत के सीमावर्ती और ग्रामीण क्षेत्रों को टारगेट बनाकर धार्मिक और सामाजिक ताना-बाना बिगाड़ने की साजिश रची जा रही है।
उत्तर प्रदेश पुलिस, एटीएस, और केंद्र की खुफिया एजेंसियां भी अब ईडी के इन खुलासों के आधार पर छांगुर और उसके नेटवर्क की गिरफ्त में और लोगों को लाने की तैयारी में जुट गई हैं।
फिलहाल, यह स्पष्ट है कि छांगुर का मामला महज एक धर्मांतरण की कहानी नहीं, बल्कि विदेशी फंडिंग के जरिए भारत

