बिहार में अवैध शराब कारोबार पर ईडी की कार्रवाई, शराबबंदी कानून के बावजूद तस्करी जारी
बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बावजूद अवैध शराब का कारोबार लगातार जारी है। राज्य में चोरी-छिपे शराब तस्करी के मामलों में दिन-प्रतिदिन वृद्धि देखी जा रही है। शराबबंदी कानून के उल्लंघन के खिलाफ समय-समय पर विभिन्न जांच एजेंसियों की कार्रवाई होती रहती है, लेकिन शराब तस्करों की संगठित और नेटवर्क आधारित गतिविधियां इसे रोकने में चुनौती पेश करती हैं।
बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राज्य के कुछ जिलों में अवैध शराब तस्करी के बड़े नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई की। अधिकारियों ने बताया कि इस कार्रवाई में कई स्थानों पर छापेमारी की गई और तस्करी से जुड़े दस्तावेज, नकदी और शराब के काउंटेनर जब्त किए गए। ईडी के अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई राज्य में अवैध शराब तस्करी के बड़े गिरोह को निशाना बनाने के लिए की गई है।
ईडी के सूत्रों ने बताया कि अवैध शराब तस्करी के इस नेटवर्क में स्थानीय स्तर के लोग और बाहरी तत्व दोनों शामिल हैं। तस्करों के पास अक्सर क्लीन रिकॉर्ड वाले ढांचे और भ्रष्टाचारी तंत्र का सहारा होता है, जिससे पकड़ मुश्किल हो जाती है। इन नेटवर्क में शराब की खरीद, वितरण और बिक्री को छुपाने के लिए गुप्त मार्ग और नकली दस्तावेजों का इस्तेमाल किया जाता है।
राज्य सरकार ने बार-बार शराबबंदी कानून का उल्लंघन रोकने के लिए कई अभियान चलाए हैं। इसके तहत राज्य पुलिस, excise विभाग और अन्य जांच एजेंसियों की संयुक्त टीमें लगातार छापेमारी और निगरानी कर रही हैं। हालांकि, शराबबंदी के बावजूद अवैध कारोबारियों की सक्रियता और आर्थिक लाभ इस व्यापार को रोकने में सबसे बड़ी चुनौती बन रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि अवैध शराब तस्करी सिर्फ कानून का उल्लंघन नहीं है, बल्कि सामाजिक और स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा करती है। शराबबंदी कानून का उद्देश्य न केवल शराब का सेवन कम करना है, बल्कि इससे जुड़े अपराध, सड़क दुर्घटनाएं और सामाजिक विकृतियों को रोकना भी है।
ईडी की इस कार्रवाई को लेकर अधिकारियों ने बताया कि तस्करी में शामिल सभी लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है, और आगे की जांच जारी है। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी ऐसे नेटवर्क पर सतत निगरानी रखी जाएगी और किसी भी अवैध गतिविधि को बख्शा नहीं जाएगा।
राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर भी इस कार्रवाई को गंभीरता से देखा जा रहा है। सरकार और जांच एजेंसियों का मानना है कि अवैध शराब तस्करी पर कड़ी कार्रवाई करने से शराबबंदी कानून की प्रभावशीलता और जनता का विश्वास बढ़ेगा।
बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बावजूद अवैध शराब तस्करी की यह घटना एक चेतावनी और सतर्कता की आवश्यकता को दर्शाती है। ईडी की कार्रवाई न केवल अवैध कारोबार को रोकने में मदद करेगी, बल्कि अन्य तस्करों के लिए भी संदेश होगी कि राज्य और केंद्रीय एजेंसियां लगातार निगरानी रख रही हैं।

