बिहार के सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री माने जाते हैं डॉ. श्रीकृष्ण सिंह, 'बिहार केसरी' के नाम से थे प्रसिद्ध
अक्सर यह धारणा प्रचलित है कि बिहार में अच्छे नेता या प्रभावशाली मुख्यमंत्री नहीं हुए, जिसकी वजह से राज्य विकास की दौड़ में पिछड़ गया। लेकिन इतिहास की गहराई में झांकने पर एक ऐसा नाम सामने आता है, जिसे बिहार का अब तक का सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री माना जाता है—डॉ. श्रीकृष्ण सिंह, जिन्हें लोग स्नेहपूर्वक 'बिहार केसरी' कहकर पुकारते थे।
डॉ. श्रीकृष्ण सिंह का जन्म 21 अक्टूबर 1887 को हुआ था। वे बिहार के पहले मुख्यमंत्री बने और 1937 से लेकर 1961 तक लंबे समय तक इस पद पर बने रहे। यह वह दौर था जब भारत स्वतंत्रता के बाद नवनिर्माण की ओर बढ़ रहा था और राज्यों में नेतृत्व की अहम भूमिका थी। डॉ. सिंह न केवल एक कुशल प्रशासक थे, बल्कि एक दूरदर्शी राष्ट्रवादी नेता भी थे जिन्होंने बिहार की आधारभूत संरचना और औद्योगिक विकास की मजबूत नींव रखी।
वे मुख्यमंत्री रहते हुए ही 31 जनवरी 1961 को इस दुनिया से विदा हो गए। लेकिन अपने जीवनकाल में उन्होंने जो कार्य किए, वे आज भी प्रेरणास्रोत हैं। उन्होंने शिक्षा, कृषि, सिंचाई, औद्योगीकरण जैसे क्षेत्रों में बिहार को आगे बढ़ाने का कार्य किया। पटना यूनिवर्सिटी के विस्तार से लेकर हिंदुस्तान स्टील लिमिटेड (अब बोकारो स्टील प्लांट) जैसे औद्योगिक संस्थानों के निर्माण में उनका विशेष योगदान रहा।
डॉ. श्रीकृष्ण सिंह की सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि उन्होंने राजनीति को सेवा का माध्यम माना। वे सादगी, ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के प्रतीक थे। महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू के करीबी सहयोगी रहे सिंह, स्वतंत्रता संग्राम में भी अग्रणी भूमिका में रहे।
उनकी नीतियों और कार्यों के चलते ही उन्हें आज भी बिहार की राजनीति में एक आदर्श और प्रेरक नेतृत्व के रूप में याद किया जाता है। जब भी बिहार के विकास, नेतृत्व और स्वाभिमान की बात होती है, तो डॉ. श्रीकृष्ण सिंह का नाम सम्मानपूर्वक लिया जाता है।

