दिग्विजय सिंह ने उठाए मतदाता सूची पुनरीक्षण पर सवाल, कहा- गरीबों और वंचितों को मताधिकार से वंचित करने की साजिश

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण अभियान को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने सोमवार को पटना स्थित सदाकत आश्रम में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग और राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि,
“यह मतदाता सूची पुनरीक्षण एक सोची-समझी साजिश है, जिसका मकसद है गरीबों, पिछड़ों और वंचित वर्गों को मताधिकार से वंचित करना। यह पूरा अभियान संविधान विरोधी है।”
सुप्रीम कोर्ट जाने की चेतावनी
उन्होंने साफ तौर पर चेताया कि अगर यह प्रक्रिया नहीं रोकी गई तो कांग्रेस पार्टी सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी। उनका कहना था कि यह लोकतंत्र पर सीधा हमला है और भारत निर्वाचन आयोग को किसी भी दबाव में आकर काम नहीं करना चाहिए।
लालू प्रसाद से मुलाकात और INDIA गठबंधन पर चर्चा
दिग्विजय सिंह ने बताया कि वे जल्द ही राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव से मुलाकात करेंगे और उनसे आग्रह करेंगे कि INDIA गठबंधन की बैठक जल्द से जल्द बुलाई जाए, ताकि चुनाव से पहले एकजुट रणनीति बनाई जा सके।
उन्होंने यह भी कहा कि विपक्षी दलों का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से मिलकर इस मुद्दे पर अपनी आपत्ति दर्ज कराएगा और मतदाता सूची पुनरीक्षण की निष्पक्षता की मांग करेगा।
राजनीतिक मायने
दिग्विजय सिंह के बयान को बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस की आक्रामक रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।
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इससे पहले कांग्रेस ने राज्य में 58 पर्यवेक्षक नियुक्त कर चुनावी तैयारियों का बिगुल फूंका था।
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अब मतदाता सूची को लेकर संविधानिक सवाल खड़े कर पार्टी ने यह संकेत दिया है कि वह मौके पर चुप बैठने वाली नहीं है।