श्रावणी मेले में उमड़ेगा श्रद्धालुओं का सैलाब, देवघर- सुल्तानगंज पहुंचने के लिए रेलवे बना पहली पसंद

झारखंड के देवघर स्थित प्रसिद्ध बैद्यनाथधाम मंदिर में लगने वाला श्रावणी मेला देशभर के भगवान शिव भक्तों के लिए आस्था और भक्ति का प्रमुख केंद्र बन चुका है। हर वर्ष श्रावण महीने में आयोजित होने वाले इस विशाल मेले में लाखों की संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं। खासकर उत्तर भारत, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश से भारी संख्या में शिवभक्त सुल्तानगंज से देवघर तक की कांवर यात्रा में भाग लेते हैं।
श्रद्धालु सुल्तानगंज में गंगा से पवित्र जल भरकर 105 किलोमीटर की पदयात्रा के बाद बैद्यनाथधाम में जलार्पण करते हैं। यह धार्मिक यात्रा जितनी आस्था से भरी होती है, उतनी ही कठिन भी। ऐसे में देवघर और सुल्तानगंज तक पहुंचने के लिए रेलवे सबसे सुरक्षित और तेज विकल्प बनकर उभरा है।
रेलवे की भूमिका अहम:
श्रावणी मेले के दौरान देवघर और सुल्तानगंज को जोड़ने वाले रेल मार्गों पर विशेष ट्रेनों का संचालन किया जाता है। रेलवे प्रशासन ने इस वर्ष भी तीर्थ यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त ट्रेनों, हेल्प डेस्क, रिजर्वेशन काउंटर, पेयजल और सुरक्षा व्यवस्था की तैयारियां शुरू कर दी हैं। स्टेशन पर स्वच्छता, स्वास्थ्य सेवा और मोबाइल मेडिकल यूनिट की व्यवस्था भी की जा रही है।
रेलवे के अधिकारियों के अनुसार, मेले के दौरान भागलपुर, सुल्तानगंज, जमालपुर, देवघर और जसीडीह स्टेशनों पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए स्टेशन परिसर में स्वयंसेवकों और आरपीएफ जवानों की भी तैनाती की जाएगी।
श्रावणी मेले का धार्मिक महत्व:
श्रावणी मेला हिन्दू पंचांग के अनुसार श्रावण मास में आता है, जो भगवान शिव को अत्यंत प्रिय माना जाता है। बैद्यनाथधाम 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, और इस महीने में यहां जलार्पण करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि श्रावण में जलार्पण करने से भोलेनाथ शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
श्रद्धालु रेलवे को क्यों देते हैं प्राथमिकता?
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लंबी दूरी तय करने के लिए सुरक्षित माध्यम
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सुविधाजनक रिजर्वेशन और यात्रा समय
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कांवरियों के लिए विशेष ट्रेनों का संचालन
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भीड़ को संभालने के लिए विशेष प्रबंध
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यात्रा में कम थकावट और अधिक सुविधा
देवघर और सुल्तानगंज के रेलवे स्टेशनों को तीर्थ यात्री केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिससे श्रद्धालुओं को न केवल बेहतर यात्रा अनुभव मिले बल्कि उनकी भक्ति यात्रा भी सुखद और शांतिपूर्ण हो।
इस वर्ष का श्रावणी मेला एक बार फिर देशभर के शिवभक्तों के लिए श्रद्धा, समर्पण और साधना का अद्वितीय संगम बनने जा रहा है, और रेलवे उनके इस आध्यात्मिक सफर का सशक्त सहायक बनने को तैयार है।