बिहार के बक्सर जिले में एक महत्वपूर्ण परियोजना — चौसा-बक्सर फोरलेन बाइपास (एनएच-319ए) — जो जिले की सड़कों व कनेक्टिविटी की तस्वीर बदलने की क्षमता रखती है, उसमें अब भी सुस्ती बनी हुई है। केंद्र सरकार ने इस काम के लिए लगभग 1,060 करोड़ रुपये स्वीकृत कर लिए हैं, लेकिन ज़मीनी स्तर पर अभी तक अपेक्षित काम नहीं हो पाया है।
🔹 देरी का कारण — भूमि अधिग्रहण व मुआवजा भुगतान
-
परियोजना की सबसे बड़ी बाधा रही है भू-अर्जन। लगभग 26 सौ रैयत चिन्हित हुए थे, लेकिन अब तक सिर्फ 405 रैयतों ने ही अपना दस्तावेज भू-अर्जन कार्यालय में जमा कराया — यानी करीब 1/6 भाग ही।
-
जिनमें से केवल 200 को मुआवजा भुगतान हुआ है; बाकियों के कागजात अधूरे या पूर्वजो के नाम पर दर्ज पाए गए हैं।
-
एजेंसियों ने मुआवजा के लिए कई शिविर लगाये, लेकिन दस्तावेज की непू्र्ती व असहयोग के कारण प्रक्रिया धीमी रही। कुछ रैयतों ने भूमि के पुनर्वर्गीकरण (classification) की मांग भी की, जिससे विवाद बढ़ा।
इन कारणों से, जबकि बजट और रूपरेखा तय हो चुकी है, काम शुरू नहीं हो पाया है।
🚧 जनता व व्यापारियों को हो रही परेशानी
-
देरी के चलते मौजूदा मार्गों पर ट्रैफिक का बोझ बढ़ गया है। भारी वाहनों के कारण अक्सर 10–15 किलोमीटर तक यातायात जाम हो जाता है, जिससे आम जनता, स्कूल जाने वाले छात्र-छात्राएँ, मरीज, कामकाजी लोग और मजदूर सब प्रभावित हो रहे हैं
-
व्यापारियों का कहना है कि माल समय पर नहीं पहुँच पाने की वजह से लागत बढ़ रही है — जिसका असर उपभोक्ताओं तक पहुंच रहा है।
-
साथ ही, बक्सर को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और अन्य ग्रीनफील्ड मार्गों से जोड़ने वाले इस बाईपास के विलंब से इलाके की विकास योजनाएं भी प्रभावित हो रही हैं।
✅ प्रशासन का दावा — जल्द काम शुरू होगा
-
जिला प्रशासन व भू-अर्जन विभाग प्रोजेक्ट को प्राथमिकता दे चुके हैं। उन्होंने रैयतों व जमीन मालिकों से पुनः संपर्क किया है, और मुआवजा शिविर, दस्तावेज सुधार अभियान शुरू किए हैं। भू-अर्जन के काम में “लगभग पूरा” होने की बात सामने आई है, और संवेदक (कंस्ट्रक्शन एजेंसी) को जल्द साइट हैंडओवर देने की तैयारी है
-
अधिकारी आशा जता रहे हैं कि एक बार भूमि संबंधी औपचारिकताएं पूरी हो जाने पर निर्माण तेजी से शुरू हो जाएगा।
💡 क्यों है यह बाइपास अहम
-
यह नया बाईपास बक्सर शहर को मुख्य राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-319A) से जोड़ते हुए, सड़क पर आने-जाने वाले भारी ट्रैफिक को शहर से हटाएगा
-
बक्सर — पटना, वाराणसी, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, उत्तर प्रदेश और अन्य इलाकों के बीच आवाजाही तेज, सुगम और सुरक्षित होगी। इससे तिपहिया वाहनों, मालवाहकों, यात्रियों और वाणिज्यिक ट्रैफिक को सीधा लाभ मिलेगा।
-
आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ेंगी, माल–ढुलाई सुगम होगी, और क्षेत्र का विकास गति पकड़ेगा।

