बिहार के किशनगंज जिले से प्रशासनिक लापरवाही का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसने न केवल जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि मृतक शिक्षक के परिजनों को भी गहरे सदमे में डाल दिया है। जिले के टेढ़ागाछ प्रखंड में आगामी 9 जुलाई को पंचायत उपचुनाव के लिए जिन अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है, उनमें एक नाम ऐसा भी है, जो पिछले वर्ष कैंसर से अपनी जान गंवा चुका है।
यह मामला टेढ़ागाछ प्रखंड के ठाकुरगंज बैरागीझाड़ विद्यालय के पूर्व प्रधान शिक्षक जहांगीर आलम का है। उन्हें मतदान पदाधिकारी प्रथम (Presiding Officer) के रूप में तैनाती का पत्र जारी किया गया है, जबकि उनकी मृत्यु 2023 में ही कैंसर की वजह से हो चुकी थी।
मृतक को तैनाती पत्र मिलने से मचा हड़कंप
इस चूक का खुलासा तब हुआ जब मृतक शिक्षक के नाम पर जारी तैनाती पत्र उनके घर पहुंचा। यह देख परिजन हैरत में पड़ गए और तुरंत इसकी जानकारी स्थानीय अधिकारियों और मीडिया को दी। परिजनों का कहना है कि जहांगीर आलम की मृत्यु का प्रमाण पत्र भी विभाग को पहले ही सौंपा जा चुका है, फिर भी उन्हें ड्यूटी पर लगाना प्रशासन की गंभीर चूक और अमानवीय रवैये को दर्शाता है।
सिस्टम फेल या लापरवाही?
इस घटना ने जिला प्रशासन द्वारा उपयोग में लाए जा रहे पुराने सॉफ़्टवेयर सिस्टम और अद्यतन रिकॉर्ड के अभाव को उजागर कर दिया है। बताया जा रहा है कि कर्मचारी डेटा को अपडेट नहीं किया गया, जिससे मृतक का नाम अब भी एक्टिव लिस्ट में बना रहा। इस गड़बड़ी के पीछे जिम्मेदार अधिकारी कौन हैं, इस पर अब जांच की मांग उठने लगी है।
शिक्षक संघ और जनप्रतिनिधियों ने जताई नाराजगी
इस घटना को लेकर शिक्षक संगठनों और जनप्रतिनिधियों ने कड़ी नाराजगी जताई है। बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रतिनिधियों ने कहा कि यह प्रशासन की लापरवाही का चरम है और ऐसे मामलों में दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यह मामला केवल एक मृतक की नहीं, बल्कि सिस्टम की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह है।
प्रशासन ने दिया जांच का आश्वासन
मामला सामने आने के बाद जिला निर्वाचन कार्यालय और टेढ़ागाछ प्रखंड प्रशासन ने इसे "त्रुटिवश हुई चूक" बताते हुए जांच का आदेश दे दिया है। संबंधित विभाग को जल्द से जल्द डेटा अपडेट करने का निर्देश भी दिया गया है।

