दरभंगा कोर्ट ने हत्या के जघन्य मामले में पांच दोषियों को सुनाई आजीवन कारावास की सजा, 1 लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया
दरभंगा व्यवहार न्यायालय की तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुमन कुमार दिवाकर की अदालत ने हत्या के जघन्य मामले में पाँच आरोपियों को दोषी करार दिया है। अदालत ने दोषियों को आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनाई है और साथ ही प्रत्येक दोषी पर एक-एक लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।
यह मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और 120 (बी) (साजिश) के तहत सुनाया गया। अदालत ने मामले में सभी आरोपियों को दोषी ठहराते हुए सख्त सजा का ऐलान किया, जो इस तरह के जघन्य अपराधों के खिलाफ एक कड़ा संदेश है।
घटना का विवरण
यह मामला दरभंगा जिले के एक ग्रामीण इलाके से जुड़ा है, जहां पर पांच आरोपियों ने मिलकर एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी। हत्या के बाद शव को ठिकाने लगाने और पुलिस से बचने के लिए साजिश की गई थी। जांच में यह सामने आया कि आरोपियों ने आपसी रंजिश के चलते इस अपराध को अंजाम दिया।
अदालत का फैसला
सत्र न्यायाधीश सुमन कुमार दिवाकर ने मामले की सुनवाई के दौरान साक्ष्य और गवाहों के आधार पर पांचों आरोपियों को दोषी करार दिया। सजा सुनाते हुए अदालत ने कहा कि जघन्य हत्या के मामलों में अदालत को सख्त सजा देने का अधिकार है ताकि सामाजिक सुरक्षा बनी रहे और दूसरों को डर हो।
अदालत ने आजीवन कारावास के साथ-साथ अर्थदंड भी लगाया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दोषियों को उनके कृत्य के लिए सजा का पूर्ण अहसास हो।
आगामी प्रक्रिया
अब दोषियों को सजा के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करने का अधिकार है। हालांकि, दरभंगा कोर्ट ने अपनी सुनवाई में यह साफ कर दिया कि इस तरह के जघन्य अपराधों में सख्त सजा दी जाएगी। पुलिस और न्यायिक अधिकारियों का कहना है कि ऐसे मामलों में जांच की गति और साक्ष्यों की मजबूती को देखते हुए जल्द से जल्द न्याय सुनिश्चित किया जाएगा।

