डिजिटल अरेस्ट के नाम पर 3 करोड़ की ठगी, पटना की रिटायर्ड महिला प्रोफेसर से साइबर फ्रॉड करने वाला आरोपी गिरफ्तार
पटना की एक रिटायर्ड महिला प्रोफेसर से डिजिटल अरेस्ट के जरिए करीब 3 करोड़ रुपए की ठगी करने वाले आरोपी को पश्चिम बंगाल साइबर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस गिरफ्तारी के बाद साइबर अपराध से जुड़े इस हाई-प्रोफाइल मामले में बड़ा खुलासा होने की उम्मीद जताई जा रही है। जल्द ही पटना पुलिस आरोपी को रिमांड पर लेकर उससे गहन पूछताछ करेगी।
पुलिस के अनुसार, आरोपी ने खुद को सरकारी एजेंसी का अधिकारी बताकर महिला प्रोफेसर को डिजिटल अरेस्ट करने की धमकी दी थी। उसने कहा था कि महिला के बैंक खाते संदिग्ध गतिविधियों में शामिल हैं और जांच पूरी होने तक उन्हें वर्चुअल निगरानी यानी डिजिटल अरेस्ट में रखा जाएगा। डर और दबाव में आकर पीड़िता ने अलग-अलग खातों में करीब 3 करोड़ रुपए ट्रांसफर कर दिए।
जब लंबे समय तक कोई आधिकारिक नोटिस या राहत नहीं मिली, तब महिला को ठगी का अहसास हुआ। इसके बाद उन्होंने पटना साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई। मामले की गंभीरता को देखते हुए पटना पुलिस ने तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर जांच शुरू की और लेन-देन के डिजिटल ट्रेल को फॉलो करते हुए पश्चिम बंगाल तक पहुंची।
पश्चिम बंगाल साइबर पुलिस की मदद से आरोपी को गिरफ्तार किया गया। प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी एक संगठित साइबर ठग गिरोह से जुड़ा हो सकता है, जो देशभर में डिजिटल अरेस्ट के नाम पर लोगों को निशाना बना रहा है। पुलिस को शक है कि इस गिरोह ने कई अन्य लोगों से भी इसी तरह ठगी की है।
पटना पुलिस का कहना है कि आरोपी को जल्द ही ट्रांजिट रिमांड पर पटना लाया जाएगा, जहां उससे ठगी के नेटवर्क, अन्य साथियों और पैसों के लेन-देन को लेकर विस्तृत पूछताछ की जाएगी। साथ ही ठगी की रकम की रिकवरी को लेकर भी कार्रवाई की जा रही है।

