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नवादा में पेड़ के नीचे बैठे साइबर अपराधियों का पर्दाफाश: ऑपरेशन फायरवॉल के तहत 9 गिरफ्तार

झारखंड के जामताड़ा में पेड़ के नीचे बैठकर ठगी करने वाले गिरोह की खबरें तो अक्सर सुनने को मिलती रही हैं, लेकिन अब बिहार के नवादा जिले से भी इसी तरह का एक बड़ा साइबर अपराध सामने आया है। नवादा पुलिस ने एक विशेष अभियान के तहत कुल 9 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है..........
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झारखंड के जामताड़ा में पेड़ के नीचे बैठकर ठगी करने वाले गिरोह की खबरें तो अक्सर सुनने को मिलती रही हैं, लेकिन अब बिहार के नवादा जिले से भी इसी तरह का एक बड़ा साइबर अपराध सामने आया है। नवादा पुलिस ने एक विशेष अभियान के तहत कुल 9 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है, जो एक ही जगह पर बरगद के पेड़ के नीचे बैठकर लोगों को ठगने का काम करते थे। यह गिरफ्तारी वारसलीगंज थाना क्षेत्र के चकवाय पंचायत के बाघी गांव से हुई है।

ऑपरेशन फायरवॉल: साइबर अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई

नवादा पुलिस ने इन अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए ‘ऑपरेशन फायरवॉल’ नाम से एक विशेष अभियान चलाया। इस अभियान का उद्देश्य साइबर ठगी और फर्जीवाड़े में संलिप्त अपराधियों को पकड़ना था। वारसलीगंज थाना को गुप्त सूचना मिली थी कि बाघी गांव में साइबर अपराधियों का एक गिरोह बरगद के पेड़ के नीचे बैठकर ऑनलाइन ठगी की घटनाओं को अंजाम दे रहा है। सूचना मिलते ही पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर छापेमारी की। बरगद के पेड़ के नीचे से ही ये अपराधी रंगे हाथ पकड़े गए। पुलिस के मुताबिक, ये साइबर अपराधी विशेष रूप से लोगों को सस्ते लोन दिलाने के नाम पर फंसा कर उनका शिकार बनाते थे।

गिरफ्तारी के दौरान बरामदगी: सबूत के तौर पर मिले मोबाइल और दस्तावेज

पुलिस ने छापेमारी के दौरान अपराधियों के पास से 11 स्मार्टफोन, 1 कीपैड फोन, एक डायरी जिसमें ग्राहकों का डाटा संग्रहीत था और एक कस्टमर डाटा शीट बरामद की है। मौके से मिले मोबाइल फोन के सिम कार्ड की जांच में पता चला कि 7 सिम कार्ड फर्जी थे, जिन्हें गलत तरीके से हासिल किया गया था। यह सारा सामान उनके ऑनलाइन ठगी के आरोप को मजबूत करता है। पुलिस ने बताया कि पकड़े गए अपराधी लंबे समय से साइबर ठगी की घटनाओं में संलिप्त थे और स्थानीय लोगों को वे लंबे समय से लोन दिलाने के नाम पर ठगते आ रहे थे।

आरोपी कौन हैं?

गिरफ्तार अपराधियों में नवादा जिले के चकवाय मीरबिगहा पंचायत के रहने वाले सुधांशू पटेल (25 वर्ष), विक्की कुमार (25 वर्ष), राजेश कुमार (25 वर्ष), सुधीर कुमार (25 वर्ष), गौतम कुमार (35 वर्ष), अरविन्द पंडित (40 वर्ष), मंटु कुमार (20 वर्ष), सुरज कुमार (27 वर्ष) शामिल हैं। इसके अलावा, झारखंड के बेरमो थाना, बोकारो के रहने वाले संतोष कुमार शर्मा (29 वर्ष) को भी गिरफ्तार किया गया है, जो फिलहाल नवादा के वारसलीगंज थाने के चकवाय मीरबिगहा गांव में रह रहे थे।

अपराध की पद्धति: सस्ते लोन के नाम पर लोगों को बनाया शिकार

इन अपराधियों की मुख्य रणनीति थी लोगों को सस्ते दर पर लोन दिलाने का झांसा देना। यह साइबर ठगी का एक बेहद आम और प्रभावी तरीका है, जिससे मासूम लोग फंस जाते हैं। आरोपियों ने कबूल किया कि वे कई महीनों से इस तरह की ठगी कर रहे थे और कई लोगों को शिकार बना चुके हैं। इनकी गिरफ्तारी से स्थानीय लोगों को बड़ी राहत मिली है, जो पिछले कई महीनों से इन अपराधियों के कारण परेशान थे।

पुलिस की कार्रवाई: अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाना

नवादा पुलिस फिलहाल इन अपराधियों को जेल भेजने की प्रक्रिया में जुटी है। पुलिस अधिकारी इस बात पर जोर दे रहे हैं कि साइबर अपराध पर सख्ती से नकेल कसी जाएगी और इस तरह के गिरोहों को बख्शा नहीं जाएगा। वारसलीगंज थाना प्रभारी ने कहा कि ऑपरेशन फायरवॉल के तहत ऐसे अपराधियों की धरपकड़ लगातार जारी रहेगी ताकि आम जनता सुरक्षित महसूस कर सके।

साइबर अपराधों के खिलाफ जागरूकता की जरूरत

नवादा में इस तरह के साइबर ठगी के मामलों की बढ़ती संख्या यह दर्शाती है कि आज के डिजिटल युग में लोगों को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक होना बेहद जरूरी है। सरकार और पुलिस प्रशासन दोनों को चाहिए कि वे लोगों को ऑनलाइन ठगी और फर्जीवाड़े से बचाव के लिए समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाएं। इसके साथ ही, साइबर अपराधों के प्रति कड़ी कानूनी कार्रवाई हो ताकि अपराधी अपनी करतूतों से बाज़ आएं।

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