छपरा में ठंड बनी काल, कमरे में जलाए अलाव का धुआं बना जानलेवा, एक ही परिवार के 4 की मौत
बिहार के छपरा जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां ठंड से बचने के लिए कमरे के अंदर जलाया गया अलाव पूरे परिवार के लिए जानलेवा साबित हो गया। अलाव से निकले धुएं के कारण दम घुटने से एक ही परिवार के 7 लोग बेहोश हो गए, जिनमें तीन मासूम बच्चों समेत 4 लोगों की मौत हो गई, जबकि 3 की हालत गंभीर बनी हुई है।
घटना छपरा के [इलाके का नाम] की बताई जा रही है। स्थानीय लोगों के अनुसार, कड़ाके की ठंड से बचने के लिए परिवार ने रात के समय कमरे के अंदर अलाव जलाया था। दरवाजे और खिड़कियां बंद होने के कारण कमरे में धुआं भर गया, जिससे सभी लोग बेहोश हो गए। सुबह काफी देर तक दरवाजा नहीं खुलने पर पड़ोसियों को शक हुआ, जिसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचना दी।
सूचना मिलते ही पुलिस और स्थानीय प्रशासन मौके पर पहुंचा और दरवाजा तोड़कर सभी को बाहर निकाला गया। सभी पीड़ितों को तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने चार लोगों को मृत घोषित कर दिया। मृतकों में तीन बच्चे शामिल हैं, जिससे पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है।
डॉक्टरों के अनुसार, मौत का कारण धुएं से दम घुटना (कार्बन मोनोऑक्साइड गैस) बताया जा रहा है। गंभीर रूप से घायल तीन लोगों का इलाज अस्पताल में जारी है, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है।
घटना के बाद प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि ठंड के मौसम में बंद कमरों में अलाव या अंगीठी जलाने से बचें। थोड़ी सी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है। प्रशासन ने कहा कि अलाव जलाते समय कमरे में पर्याप्त वेंटिलेशन होना बेहद जरूरी है।
इस दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर ठंड के मौसम में होने वाली ऐसी घटनाओं को लेकर चिंता बढ़ा दी है। हर साल सर्दियों में इस तरह के हादसे सामने आते हैं, लेकिन इसके बावजूद लोग जागरूक नहीं हो पाते।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पीड़ित परिवार बेहद गरीब था और ठंड से बचने के लिए उनके पास कोई सुरक्षित साधन नहीं था। प्रशासन की ओर से पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता दिए जाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
फिलहाल पुलिस ने मामले में आवश्यक कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। पूरे इलाके में मातम का माहौल है और लोग इस दर्दनाक हादसे से गहरे सदमे में हैं।

