वैशाली में विकसित बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप का 29 जुलाई को उद्घाटन करेंगे सीएम नीतीश कुमार, 15 बौद्ध देशों के भिक्षु होंगे शामिल
बिहार के ऐतिहासिक वैशाली जिले को एक और बौद्ध धरोहर मिलने जा रही है। यहां विकसित बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप का उद्घाटन 29 जुलाई को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कर-कमलों द्वारा किया जाएगा। यह स्तूप न केवल बिहार बल्कि पूरे वैश्विक बौद्ध समुदाय के लिए श्रद्धा और आकर्षण का नया केंद्र बनने जा रहा है।
इस भव्य उद्घाटन समारोह में चीन, जापान, श्रीलंका, थाईलैंड, नेपाल, तिब्बत, म्यांमार, भूटान, वियतनाम, मलेशिया, लाओस, कंबोडिया, मंगोलिया, बांग्लादेश और इंडोनेशिया जैसे 15 बौद्ध देशों से प्रमुख भिक्षुओं और प्रतिनिधियों की सहभागिता संभावित है। इससे वैश्विक स्तर पर बिहार की बौद्ध विरासत को और अधिक मान्यता मिलने की उम्मीद है।
इस ऐतिहासिक स्मारक का निर्माण भवन निर्माण विभाग द्वारा किया गया है। संग्रहालय-सह-स्तूप का उद्देश्य भगवान बुद्ध के सम्यक दर्शन, उनके उपदेशों और वैशाली से जुड़े उनके जीवन प्रसंगों को जनमानस तक पहुंचाना है।
विशेषताएं:
-
संग्रहालय में बुद्ध से संबंधित प्राचीन वस्तुएं, श्रवण योग्य डिजिटल डिस्प्ले, और शांति प्रतीक के रूप में स्तूप का निर्माण किया गया है।
-
यहां आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए ध्यान केंद्र, प्रदर्शनी हॉल, और स्मारिका केंद्र भी बनाए गए हैं।
राज्य सरकार का मानना है कि यह स्मारक वैशाली को अंतरराष्ट्रीय बौद्ध पर्यटन मानचित्र पर एक प्रमुख स्थान दिलाएगा और स्थानीय स्तर पर पर्यटन, रोजगार और सांस्कृतिक समृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।
यह आयोजन बिहार की सांस्कृतिक विरासत और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बौद्ध धर्म स्थलों के संरक्षण एवं विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है।

