मुजफ्फरपुर में शर्मसार करने वाली घटना, पुलिस की बेरुखी से आहत नौंवी की छात्रा ने की आत्महत्या, ब्लैकमेलिंग से थी परेशान

बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के पारू थाना क्षेत्र से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने कानून व्यवस्था और पुलिस की संवेदनहीनता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आबरू बचाने की गुहार लेकर थाने पहुंची एक नौंवी कक्षा की छात्रा को जब दो घंटे तक इंतजार कराने के बाद भी न्याय नहीं मिला, तो वह निराश होकर घर लौटी और फंदे से लटककर अपनी जान दे दी।
यह घटना एक छोटे से गांव की है, जहां छात्रा अश्लील वीडियो के जरिए हो रही ब्लैकमेलिंग से मानसिक रूप से बेहद परेशान थी। उसने साहस जुटाकर परिजनों को पूरी बात बताई और परिजन उसे लेकर पारू थाने पहुंचे। वहां छात्रा ने पुलिसकर्मियों से खुद को हो रही प्रताड़ना की शिकायत की और तत्काल मदद की मांग की।
परिजनों का आरोप है कि थाने में करीब दो घंटे तक बैठाए रखा गया, लेकिन न तो किसी अधिकारी ने गंभीरता से बात सुनी और न ही कोई कार्रवाई की गई। छात्रा डरी और सहमी हुई थी, लेकिन पुलिस की उदासीनता ने उसकी उम्मीद तोड़ दी। थाने से लौटने के कुछ ही देर बाद किशोरी ने घर में दुपट्टे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
घटना की जानकारी मिलते ही गांव में शोक और आक्रोश का माहौल फैल गया। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। स्थानीय लोगों ने पारू थाने की लापरवाही पर कड़ा विरोध जताया और दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की।
इस बीच, मामला तूल पकड़ते देख जिला प्रशासन हरकत में आया। एसपी ने पारू थाना प्रभारी से रिपोर्ट तलब की है और मामले की जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही, यह भी संकेत दिए गए हैं कि प्रथम दृष्टया पुलिस की लापरवाही सामने आई है, इसलिए जिम्मेदार अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की है। महिला संगठनों ने कहा है कि जब कोई बच्ची साहस कर थाने पहुंचती है, तो उसका साथ देने की बजाय पुलिस का यही रवैया समाज में डर और निराशा फैलाता है।
इस घटना ने एक बार फिर से राज्य में महिलाओं और किशोरियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं खड़ी कर दी हैं। जहां एक ओर सरकार "महिला सशक्तिकरण" की बात कर रही है, वहीं जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है।
फिलहाल छात्रा का शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है और पुलिस द्वारा मामले की आगे की जांच की जा रही है। परिजनों की ओर से जिन लोगों पर ब्लैकमेलिंग का आरोप है, उनकी पहचान कर ली गई है और उन्हें पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है।