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करंट लगने से बालक की मौत, नाराज ग्रामीणों ने शव रखकर जाम की सड़क, बिजली विभाग पर लापरवाही का आरोप

करंट लगने से बालक की मौत, नाराज ग्रामीणों ने शव रखकर जाम की सड़क, बिजली विभाग पर लापरवाही का आरोप

गया जिले के चंदौती थाना क्षेत्र के इस्माइलपुर गांव में शनिवार को करंट लगने से 11 वर्षीय बालक की मौत हो गई। हादसे से पूरे गांव में कोहराम मच गया, परिजनों व स्थानीय ग्रामीणों ने आक्रोशित होकर शव को केवाली मुख्य मार्ग पर रखकर सड़क जाम कर दिया। इसके बाद भीड़ बिजली विभाग के खिलाफ कार्रवाई व पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग करने लगी।

दुर्घटना का कारण बिजली की खराब आपूर्ति
मृतक की पहचान इस्माइलपुर गांव निवासी कृष्ण राम के पुत्र विक्रम कुमार के रूप में हुई है। बताया गया कि मृतक की मां का निधन हो चुका है और पिता काम के सिलसिले में विदेश में रहते हैं। पड़ोसी गांव के वार्ड सदस्य पवन कुमार व वार्ड सदस्य ओम प्रकाश ने बताया कि इस क्षेत्र में बिजली के तार व पोल लंबे समय से खराब हैं। इस संबंध में कई बार शिकायत भी की गई, लेकिन न तो विभाग ने ध्यान दिया और न ही जनप्रतिनिधियों ने। ग्रामीणों के अनुसार इसी लापरवाही के कारण आज एक मासूम की जान चली गई। पुलिस ने लोगों को समझाने का किया प्रयास
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय थाना पुलिस मौके पर पहुंची और सड़क जाम हटाने का प्रयास किया। हालांकि आक्रोशित ग्रामीण बिजली विभाग के जिम्मेदार कर्मचारियों पर कार्रवाई करने और मृतक के परिजनों को उचित मुआवजा देने की मांग पर अड़े रहे। मौके पर बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए और प्रशासन के समझाने के बावजूद तनावपूर्ण माहौल बना रहा।

बिजली विभाग ने जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ा, ग्रामीणों पर लगाया आरोप
घटना के संबंध में बिजली विभाग के कनीय अभियंता अवध कुमार मगधिया ने ग्रामीणों के आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि लोग लोहे के खंभों से अवैध कनेक्शन ले रहे थे और कई जगहों पर तार कटे हुए थे। इसे रोकने के लिए विभाग ने मिस्त्री (लाइनमैन) को भी भेजा था, लेकिन लोग नहीं माने। अभियंता ने यह भी दावा किया कि ग्रामीणों ने उन्हें मौके पर बुलाकर जान से मारने की धमकी दी थी।

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'कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन तेज होगा'

ग्रामीणों का साफ कहना है कि जब तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती और मुआवजे की घोषणा नहीं होती, तब तक सड़क पर जाम हटाने का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो आंदोलन और उग्र हो जाएगा। फिलहाल प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन विक्रम की असामयिक मौत से पूरा गांव गहरे गम और गुस्से में डूबा हुआ है।

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