छत्तीसगढ़ कैबिनेट की बैठक में किसानों के लिए बड़ा फैसला, 'कृषक उन्नति योजना' का हुआ विस्तार

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में आज सोमवार को महानदी भवन मंत्रालय में राज्य मंत्रिपरिषद की अहम बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णयों पर मुहर लगी, जिनमें सबसे बड़ा फैसला किसानों के हित में 'कृषक उन्नति योजना' को विस्तार देने का रहा।
सरकार ने योजना के प्रचलित निर्देशों में बदलाव करते हुए यह स्पष्ट कर दिया है कि अब यह योजना केवल धान उत्पादक किसानों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि दलहन, तिलहन और मक्का जैसी वैकल्पिक फसलें लगाने वाले किसान भी इसका लाभ उठा सकेंगे। यह संशोधित व्यवस्था खरीफ 2025 से प्रभावी होगी।
क्या है ‘कृषक उन्नति योजना’?
कृषक उन्नति योजना राज्य सरकार की एक प्रमुख कृषि प्रोत्साहन योजना है, जिसका उद्देश्य किसानों को उनकी आय बढ़ाने और वैकल्पिक फसलें अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है। अब तक इस योजना के तहत पंजीकृत धान उत्पादक किसानों को ही लाभ दिया जा रहा था, लेकिन अब सरकार ने इसे फसल विविधीकरण की दिशा में बड़ा कदम बताते हुए विस्तृत करने का निर्णय लिया है।
कौन-कौन से किसान होंगे लाभान्वित?
नवीनतम कैबिनेट निर्णय के अनुसार:
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जो किसान खरीफ 2025 में धान की जगह दलहन (अरहर, मूंग, उड़द आदि),
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तिलहन (सरसों, सोयाबीन, तिल आदि) और
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मक्का जैसी फसलें लेंगे,
उन्हें भी योजना के तहत प्रोत्साहन राशि, तकनीकी सहायता और बीज आदि की सुविधा प्राप्त होगी।
सरकार का उद्देश्य: फसल विविधीकरण और जल संरक्षण
सरकार का मानना है कि इस कदम से जहां धान पर निर्भरता कम होगी, वहीं मृदा की उर्वरता और जल संसाधनों का संरक्षण भी सुनिश्चित किया जा सकेगा। इसके अलावा दलहन और तिलहन फसलों को बढ़ावा मिलने से राज्य में प्रोटीन युक्त आहार की उपलब्धता भी बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का बयान
मुख्यमंत्री ने कैबिनेट बैठक के बाद कहा, "हमारा लक्ष्य किसानों की आय को दोगुना करना और उन्हें वैकल्पिक फसलों की ओर प्रेरित करना है। कृषक उन्नति योजना का विस्तार इसी दिशा में एक बड़ा कदम है।"
कृषि विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
कृषि विशेषज्ञों और किसान संगठनों ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा है कि यह कदम कृषि क्षेत्र में संरचनात्मक बदलाव लाएगा और किसानों को बाजार के अनुरूप फसल उत्पादन की दिशा में आगे बढ़ने में मदद करेगा।