सावन के पहले सोमवार पर उमड़ा श्रद्धा का सैलाब, बाबा गरीबनाथ धाम में गूंजे 'हर हर महादेव' के जयकारे
सावन माह की आज से विधिवत शुरुआत के साथ ही पूरे उत्तर बिहार में भक्तिमय माहौल देखने को मिला। खासकर मुजफ्फरपुर स्थित बाबा गरीबनाथ धाम, जो उत्तर बिहार के प्रमुख शिव मंदिरों में से एक है, वहां श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। सुबह से ही ‘बोल बम’ और ‘हर हर महादेव’ के गगनभेदी जयकारों से मंदिर परिसर और आस-पास का क्षेत्र शिवमय हो गया।
श्रद्धालु दूर-दराज से कांवर लेकर बाबा को जल अर्पित करने पहुंचे। किसी ने गंगा जल, तो किसी ने स्थानीय नदियों का पवित्र जल बाबा को समर्पित किया। हजारों की संख्या में पहुंचे भक्तों ने सावन के पहले सोमवार को विशेष मान्यता देते हुए जलाभिषेक, रुद्राभिषेक और विशेष पूजा-अर्चना की। मंदिर प्रशासन ने भी श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए थे।
सुरक्षा और व्यवस्था रही दुरुस्त
श्रावण के पहले सोमवार को देखते हुए प्रशासनिक तैयारियां चाक-चौबंद रहीं। पुलिस बल, दंडाधिकारी, महिला पुलिस और स्वयंसेवकों की तैनाती मंदिर परिसर के चारों ओर की गई थी। ड्रोन कैमरे और सीसीटीवी की मदद से मंदिर और उसके आस-पास की निगरानी की जा रही थी। श्रद्धालुओं के लिए जलपान, स्वास्थ्य जांच, और आपातकालीन चिकित्सा शिविर जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गईं।
भक्ति में डूबे रहे कांवरिया
रविवार रात से ही कांवरियों का मंदिर की ओर आना शुरू हो गया था। सोमवार तड़के तक मंदिर के बाहर लंबी कतारें लग गईं। सिर पर केसरिया वस्त्र, कांधे पर कांवर और होंठों पर "बोल बम" का जाप करते श्रद्धालु पूरी श्रद्धा से बाबा के दर्शन को आतुर दिखे। कई श्रद्धालु पदयात्रा करते हुए बाबा गरीबनाथ की शरण में पहुंचे।
श्रद्धालुओं की आस्था ने किया प्रभावित
हर साल की तरह इस बार भी सावन के पहले सोमवार पर बाबा गरीबनाथ की महिमा देखने को मिली। श्रद्धालुओं का कहना था कि सावन में बाबा को जल चढ़ाने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख-शांति आती है। मंदिर परिसर में पंडितों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार और भजनों की गूंज से पूरा वातावरण आध्यात्मिक हो उठा।
प्रशासन की अपील
प्रशासन और मंदिर समिति ने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे लाइन में रहकर दर्शन करें, व्यवस्था में सहयोग करें और किसी भी तरह की अफवाह से बचें। साथ ही इस बात पर विशेष ध्यान देने को कहा गया कि कोई श्रद्धालु जल या दूध बर्बाद न करे, बल्कि उसे नियमानुसार अभिषेक के लिए प्रयोग करें।
सावन का पहला सोमवार बाबा के भक्तों के लिए बेहद खास रहा और इसने यह दिखा दिया कि आस्था की डोर कितनी मजबूत है। आने वाले चार सोमवारों में भी श्रद्धालुओं की इसी तरह की भीड़ उमड़ने की संभावना है, जिसे लेकर प्रशासन और मंदिर समिति सतर्क है।
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