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प्रशांत किशोर की सभा में कुर्सियां रह गई खाली, क्या जनता ने नकार दिया नेताजी को? जानें क्या है पूरा मामला

बिहार के किशनगंज के बहादुरगंज में प्रशांत किशोर की किसी सभा में कुछ ऐसा नजारा देखने को मिला, मानो शादी-ब्याह की फेवरेट चल रही हो। दाल-भात, सब्जी, मटन, बिरयानी की खुशबू जैसे ही दूर-दूर तक फोक्स जैसे ही लोग खाते हैं। ये मौका था जनसुराज....
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बिहार के किशनगंज के बहादुरगंज में प्रशांत किशोर की किसी सभा में कुछ ऐसा नजारा देखने को मिला, मानो शादी-ब्याह की फेवरेट चल रही हो। दाल-भात, सब्जी, मटन, बिरयानी की खुशबू जैसे ही दूर-दूर तक फोक्स जैसे ही लोग खाते हैं। ये मौका था जनसुराज पार्टी की 'बदलाव सभा', जहां प्रशांत किशोर (पीके) और मैदान में जनता थी. लेकिन जनता को प्रशांत किशोर के भाषण से मतलब नहीं था, उन्हें तो मौज-मस्ती से उड़ान भरी थी। परिणाम? उत्पादों में कुरसियां खाली रहती हैं, और खाने के लिए लंबी होती हैं।

खाने को उमड़ी भीड़, लेकिन भाषण से गायब रहे लोग

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बदलावों को प्रशांत किशोर द्वारा चित्रित किया गया था, मुस्लिम बहुल बहादुरगंज विधानसभा क्षेत्र में लोगों की भीड़ के लिए भोजन की व्यवस्था की व्यवस्था की गई थी। पार्टी एसोसिएशन के लोगो द्वारा बताया गया कि उनके भोजन की व्यवस्था कैसी है। सभा स्थल पर दाल-भात, सब्जी, मटन, वेज बिरयानी, सहित अन्य खाद्य पदार्थों का सामान रखा गया, जिसके कारण लोगों की भीड़ टूट-फूट खाने लगी. हालाँकि, इसके बावजूद सभा में व्यापारियों की संख्या में लोग नहीं रहे, और देशवासी खाली रह गए।

विपक्षी दल ने प्रशांत किशोर पर कसा तंज

इसे लेकर सॉलिड लैब्स ने कसास की जनता को अब खाली भाषणों पर विश्वास नहीं दिया है। स्थानीय कार्यकर्ता अबू बरकात ने कहा कि लगभग 5 हजार लोगों के खाने की योजना बनाई गई थी, ताकि यहां से कोई भूखा न रहे। जनसुराज के इस नेता इकरामुल हक ने कहा कि आने वाले लोगों के लिए खाने की व्यवस्था की व्यवस्था की गई थी। एक तरफ जनसुराज पार्टी के सुप्रीमो प्रशांत किशोर का दावा है कि हजारों कार्यकर्ता विकल्प के रूप में पार्टी से जुड़ रहे हैं लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है।

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