केंद्र के विशेष पैकेज से बदल रही बिहार की तस्वीर, कौशल, कृषि, मत्स्य और भंडारण में दिखी नई रफ्तार

केंद्र सरकार द्वारा घोषित विशेष पैकेज के बाद बिहार के विकास को नई गति मिली है। डबल इंजन सरकार के प्रयासों से कौशल विकास से लेकर कृषि, मत्स्य पालन और भंडारण क्षमता विकास तक की कई योजनाएं सफलतापूर्वक पूरी हो चुकी हैं, जबकि कुछ पूरी होने वाली हैं।
कौशल विकास: लक्ष्य से अधिक युवाओं को प्रशिक्षण
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) के तहत राज्य में एक लाख युवाओं को प्रशिक्षण देने के लक्ष्य के मुकाबले 6.33 लाख से अधिक युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया, जिस पर 508.40 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। वहीं, 31 मार्च 2023 तक पीएमकेवीवाई के तहत बिजली क्षेत्र में 11 हजार 894 अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण दिया गया, जिस पर 14.75 करोड़ रुपये खर्च किए गए।
कृषि अनुसंधान में बड़ा निवेश
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने 28 मई 2016 को पूसा को केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय का दर्जा दिया। इसके साथ ही मोतिहारी में 62.25 करोड़ रुपये की लागत से एकीकृत कृषि प्रणाली पर राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र की स्थापना की गई।
मत्स्य पालन में 'नीली क्रांति' का प्रभाव
पीएम मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के तहत तालाब, बीज पालन केंद्र और मछुआरों के आवास का निर्माण कराया गया, जिस पर कुल 31.96 करोड़ रुपये खर्च किए गए। वहीं, बिहार में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए 5.13 करोड़ रुपये की लागत से रोग निदान, जांच प्रयोगशाला और खुदरा मछली बाजार जैसी परियोजनाएं पूरी की जानी हैं। इन परियोजनाओं से मछली उत्पादन और किसानों की आय में वृद्धि होगी।
कृषि एवं किसान कल्याण
जल प्रबंधन के तहत 32 हजार 577 हेक्टेयर क्षेत्र में सूक्ष्म सिंचाई की व्यवस्था की गई है, जिसकी लागत 165.96 करोड़ रुपये है। कृषि यंत्रीकरण के लिए 117.67 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई। हालांकि, बिहार सरकार ने अभी तक 16.7 करोड़ रुपये की बीज परियोजना को मंजूरी नहीं दी है। भंडारण और साइलो निर्माण में भी प्रगति
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के अंतर्गत 25 स्थानों पर 2.84 लाख मीट्रिक टन क्षमता वाले गोदामों का निर्माण किया गया, जिस पर 247.64 करोड़ रुपये खर्च किए गए। वहीं, बिहार के दरभंगा, समस्तीपुर और कटिहार जिलों में कुल 1.50 लाख मीट्रिक टन क्षमता वाले साइलो का निर्माण भी किया गया है। इन परियोजनाओं की लागत 135 करोड़ रुपये है।
पीईजी योजना के तहत बिहार के सीतामढ़ी, शेखपुरा, आरा, गोपालगंज, सहरसा, नालंदा, हाजीपुर और समस्तीपुर में कुल 1.20 लाख मीट्रिक टन क्षमता वाले आठ गोदामों का निर्माण चल रहा है। इसकी अनुमानित लागत 104.7 करोड़ रुपये है। वहीं, बिहार के 16 स्थानों पर कुल 7.25 लाख मीट्रिक टन क्षमता वाले साइलो का निर्माण किया जा रहा है। इसकी अनुमानित लागत 652.5 करोड़ रुपये है।