साइबर अपराध में CBI की बड़ी कार्रवाई: पटना से एक और संदिग्ध गिरफ्तार, अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन की जांच तेज

साइबर अपराध और अवैध धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) से जुड़े एक बड़े मामले में CBI (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) ने पटना से एक और संदिग्ध युवक को गिरफ्तार किया है। यह इस हाई-प्रोफाइल मामले में अब तक की 10वीं गिरफ्तारी है। सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार युवक की साइबर धोखाधड़ी और हवाला कारोबार से सीधी संलिप्तता पाई गई है।
CBI की प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि आरोपी के संपर्क भारत से बाहर तक फैले हुए हैं और उसके अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की गहन जांच की जा रही है। एजेंसी का मानना है कि यह पूरा नेटवर्क संगठित साइबर अपराध गिरोह से जुड़ा हो सकता है, जो देश-विदेश में आर्थिक अपराधों को अंजाम देता है।
गिरफ्तार युवक की पहचान फिलहाल सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन जांच एजेंसी ने बताया कि वह फर्जी खातों, डिजिटल वॉलेट और क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से धन का लेन-देन करता था। प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि वह फर्जी कॉल सेंटरों और विदेशी ठगों के लिए मनी ट्रांसफर की सुविधा उपलब्ध कराता था।
CBI के अधिकारियों ने बताया कि युवक के पास से कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, मोबाइल फोन, लैपटॉप, हार्ड डिस्क और संदिग्ध लेन-देन से जुड़े दस्तावेज बरामद किए गए हैं। एजेंसी ने इन उपकरणों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है।
इस मामले में पहले से गिरफ्तार अन्य आरोपियों से पूछताछ में भी इस युवक का नाम सामने आया था, जिसके बाद CBI ने उसे ट्रैक कर पटना से गिरफ्तार किया।
CBI अधिकारी ने बताया:
"हम अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। गिरफ्तार युवक के पास से मिले डिजिटल सबूतों की जांच जारी है। यह मामला देश की साइबर सुरक्षा से जुड़ा हुआ है और किसी भी स्तर की लापरवाही नहीं बरती जाएगी।"