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बिहार के नामी बिजनेसमैन गोपाल खेमका की गोली मारकर हत्या, 6 साल पहले बेटे का भी हुआ था कत्ल

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बिहार की राजधानी पटना में एक बार फिर अपराधियों का बोलबाला देखने को मिला है। गांधी मैदान थाना इलाके में शुक्रवार (04 जुलाई, 2025) की देर रात, प्रसिद्ध उद्योगपति गोपाल खेमका की गोली मारकर हत्या कर दी गई। गोपाल खेमका बिहार के बड़े बिजनेसमैन थे और मगध अस्पताल के मालिक भी थे। इस घटना ने एक बार फिर पटना में बढ़ते अपराध और कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाए हैं।

🔹 हत्या का तरीका और घटना का विवरण

गोपाल खेमका अपनी रोजमर्रा की गतिविधियों से बाहर निकले थे जब अपराधियों ने उन्हें गोली मार दी। यह घटना रात के अंधेरे में हुई और अपराधी गोलियों की बौछार करके फरार हो गए। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर गोपाल खेमका के शव को कब्जे में लिया और मामले की जांच शुरू कर दी है।

खेमका के परिजनों ने हत्या को एक साजिश और रंजिश का नतीजा बताया है, लेकिन पुलिस इस मामले के सभी पहलुओं की गहनता से जांच कर रही है। हालांकि, अभी तक हत्या के कारण और आरोपियों के बारे में कोई ठोस जानकारी सामने नहीं आई है।

🔹 6 साल पहले बेटे की हत्या

गौरतलब है कि गोपाल खेमका के बेटे गुंजन खेमका की 6 साल पहले हत्या कर दी गई थी। यह घटना बिहार के वैशाली के औद्योगिक थाना इलाके में हुई थी, और इसे भी अपराधियों का काम माना गया था। उस समय भी कई सवाल उठे थे कि एक बड़े व्यापारी के परिवार को इस तरह से निशाना क्यों बनाया गया।

गुंजन खेमका की हत्या के बाद से खेमका परिवार सुरक्षा और अपराधियों के खिलाफ लगातार आवाज उठाता रहा था, लेकिन अब गोपाल खेमका की हत्या ने फिर से सवाल उठाए हैं कि क्या बिहार में कानून-व्यवस्था का पूरी तरह से लोप हो चुका है।

🔹 पुलिस की जांच और प्रतिक्रियाएं

पटना पुलिस ने इस मामले में हत्या के कारण और अपराधियों की पहचान के लिए जांच शुरू कर दी है। पुलिस के मुताबिक, सीसीटीवी फुटेज और घटनास्थल से मिले सुराग के आधार पर आरोपियों की तलाश जारी है।

वहीं, राजनीतिक पार्टियों और जनता ने भी इस घटना पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया है। विपक्षी पार्टियां बिहार सरकार पर अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप लगा रही हैं, जबकि सत्ताधारी पार्टी ने पुलिस को जल्द से जल्द आरोपियों को पकड़ने का निर्देश दिया है।

🔹 बिहार में बढ़ते अपराध

बिहार में लगातार बढ़ते अपराध और मुख्यमंच से सुरक्षा की गारंटी पर सवाल उठते जा रहे हैं। पिछले कुछ महीनों में पटना और अन्य प्रमुख शहरों में अपराधियों के साहस और कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की जा रही है। यह हत्या इस बात का उदाहरण है कि राज्य में सुरक्षा की स्थिति में सुधार की आवश्यकता है।

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