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पटना में व्यवसायी गोपाल खेमका की सरेआम हत्या, सीसीटीवी में कैद हुई वारदात, जांच के लिए SIT गठित

बिहार की राजधानी पटना से एक दहलाने वाली आपराधिक घटना सामने आई है जिसने न सिर्फ शहर को झकझोर कर रख दिया, बल्कि राज्य की कानून व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं...........
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बिहार की राजधानी पटना से एक दहलाने वाली आपराधिक घटना सामने आई है जिसने न सिर्फ शहर को झकझोर कर रख दिया, बल्कि राज्य की कानून व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पटना के गांधी मैदान थाना क्षेत्र अंतर्गत रामगुलाम चौक पर शुक्रवार रात 11:45 बजे बाइक सवार बदमाशों ने प्रसिद्ध उद्योगपति गोपाल खेमका की गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी। यह पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है, जो अब इंटरनेट मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है।

सीसीटीवी में कैद हैवानियत

सीसीटीवी फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि बाइक पर सवार दो बदमाश खेमका के करीब आते हैं और एक बदमाश बेहद करीब से सिर में गोली मार देता है। यह हमला इतना अचानक और निर्दयी था कि खेमका को बचाव का कोई मौका नहीं मिल सका। गोली लगने के बाद उन्हें मेडिवर्सल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

राजधानी में बढ़ता अपराध, सरकार में हड़कंप

इस हत्याकांड के बाद शहर में सनसनी फैल गई और राज्य के उच्च प्रशासनिक स्तर पर भी हलचल मच गई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित संकल्प कक्ष में विधि-व्यवस्था को लेकर एक उच्चस्तरीय बैठक की। इस बैठक में डीजीपी विनय कुमार सहित अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री ने डीजीपी को स्पष्ट निर्देश दिए कि मामले की गहराई से जांच की जाए और किसी भी आरोपी को बख्शा न जाए। उन्होंने कहा कि यदि इस हत्या के पीछे कोई साजिश है, तो उसकी भी विशेष जांच की जाए और निर्दोष को फंसने से बचाते हुए दोषियों को कड़ी सजा दिलाई जाए।

SIT का गठन

डीजीपी विनय कुमार के मुताबिक, इस हत्याकांड की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है। इसकी कमान एसपी सिटी सेंट्रल को सौंपी गई है। SIT के गठन से यह साफ हो गया है कि पुलिस इस मामले को सामान्य आपराधिक घटना नहीं मान रही, बल्कि इसमें किसी बड़ी साजिश की संभावना भी देखी जा रही है।

व्यापारिक वर्ग में दहशत

गोपाल खेमका की हत्या से पटना के व्यापारिक समुदाय में भारी आक्रोश और भय का माहौल है। खेमका शहर के प्रसिद्ध उद्योगपतियों में शुमार थे और सामाजिक गतिविधियों में भी सक्रिय रहते थे। उनकी हत्या को कई लोग व्यवसायिक दुश्मनी या फिर सुनियोजित हत्या की संज्ञा दे रहे हैं।

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